सहरसा मंडल कारा में विचाराधीन बंदी सुनील साह की आत्महत्या के मामले में जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जेल सुपरिटेंडेंट ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में जेल उपाधीक्षक (जेलर) सहित चार कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। जेल सुपरिटेंडेंट निरंजन कुमार पंडित ने मंगलवार रात मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सुनील साह की मृत्यु के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आंतरिक जांच शुरू की गई थी। ड्यूटी पर तैनात कर्मियों द्वारा नहीं बरती गई सतर्कता प्रारंभिक जांच में सामने आया कि घटना के समय जेल के अंदर ड्यूटी पर तैनात कुछ कर्मियों द्वारा आवश्यक सतर्कता नहीं बरती गई। इसके कारण समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका। लापरवाही के आरोप में दो गृह रक्षकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से वापस लेने के लिए संबंधित कमांडेंट को पत्र लिखा गया है। इसके साथ ही घटना स्थल के नजदीक ड्यूटी कर रही एक बीएमपी महिला जवान के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भेजी गई है। पर्यवेक्षण में लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई प्रारंभिक स्तर पर पर्यवेक्षण में लापरवाही पाए जाने पर मंडल कारा के जेल उपाधीक्षक (जेलर) मिथलेश कुमार शर्मा के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ड्यूटी के दौरान बंदियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जेल सुपरिटेंडेंट निरंजन कुमार पंडित ने यह भी बताया कि यह कार्रवाई केवल प्रारंभिक जांच के आधार पर की गई है। मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए सहरसा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) न्यायालय से न्यायिक जांच (ज्यूडिशियल इंक्वायरी) कराए जाने का अनुरोध किया गया है, जो शीघ्र शुरू होगी। मैनुअल और मानक संचालन प्रक्रिया की जांच जारी उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत आगे की जांच जारी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जेल प्रशासन पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगा।
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