बागपत में मलकपुर चीनी मिल ने मंगलवार को गन्ना किसानों को 18 करोड़ 37 लाख रुपए का भुगतान किया। यह भुगतान जिलाधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशों और निरंतर निगरानी के बाद किया गया, जिससे लंबे समय से बकाया भुगतान का इंतजार कर रहे किसानों को राहत मिली है। गन्ना मूल्य भुगतान में देरी को लेकर किसानों की शिकायतें लगातार जिला प्रशासन के संज्ञान में आ रही थीं। खेती की बढ़ती लागत, मजदूरी, परिवहन और पारिवारिक खर्चों के कारण किसानों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा था। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया था कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी क्रम में, जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने चीनी मिल में उपलब्ध संसाधनों की विस्तृत समीक्षा कराई। उन्होंने चीनी, शीरा, बगास और प्रेसमड जैसे उप-उत्पादों को किसानों के बकाया भुगतान से जोड़ा। शासन के टैगिंग आदेश का पालन सुनिश्चित करते हुए निर्देश दिए गए कि इन उत्पादों की बिक्री से प्राप्त कुल धनराशि का न्यूनतम 85 प्रतिशत हिस्सा अनिवार्य रूप से गन्ना मूल्य मद में ही उपयोग किया जाए। निरंतर निगरानी और स्पष्ट संदेश के कारण चीनी मिल प्रबंधन पर दबाव बना। सोमवार को जिलाधिकारी ने चीनी मिल के अध्यासी को अपने कार्यालय में तलब कर भुगतान की स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद, मलकपुर चीनी मिल के कामर्शियल उप महाप्रबंधक विजय कुमार जैन 18 करोड़ 37 लाख रुपए का बैंक चेक लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रशासन की उपस्थिति में यह राशि गन्ना मूल्य मद में भुगतान हेतु जारी की गई। जिलाधिकारी अस्मिता लाल शेष भुगतान के प्रति भी गंभीर हैं। उन्होंने बैंक प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द किसानों का गन्ना भुगतान सुनिश्चित किया जाए और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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