बिजनौर में जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में छात्र मानसिक स्वास्थ्य नियमों की निगरानी और कार्यान्वयन पर एक बैठक संपन्न हुई। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ उनके भावनात्मक विकास पर ध्यान देना वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। शासन के निर्देशों के अनुपालन में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने और उसकी निगरानी के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी छात्र अकेलेपन या तनाव से ग्रस्त न रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित नियमों के प्रभावी अनुपालन की समीक्षा करना और आवश्यक सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करना था। बैठक में समिति के सदस्यों ने विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में काउंसलिंग व्यवस्था, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों, तनाव प्रबंधन गतिविधियों और परामर्शदाताओं की उपलब्धता की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों में अवसाद, चिंता एवं अन्य मानसिक समस्याओं की समय पर पहचान के लिए नियमित स्क्रीनिंग एवं काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएं। उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों को छात्र मानसिक स्वास्थ्य नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में त्वरित सहायता एवं परामर्श उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाने और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को यह भी निर्देशित किया कि सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में छात्र मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में जारी सरकारी गाइडलाइंस ‘परख’ और ‘मनोदर्पण’ का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने जिले के प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालय में एक समर्पित ‘छात्र सहायता कक्ष’ (Student Support Cell) और हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए, जहाँ छात्र बिना किसी संकोच के अपनी समस्या साझा कर सकें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं, शैक्षणिक कैलेंडर में योग, ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सत्रों का अनिवार्य रूप से आयोजन करें तथा परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए विशेष परामर्श सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधकों को निर्देशित करते हुए कहा कि विद्यालयों की दीवारों और नोटिस बोर्डों पर राज्य व केंद्र सरकार द्वारा जारी मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबरों का प्रदर्शन अनिवार्य किया गया है। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी विमल चौबे, जिला समाज कल्याण अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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