कुशीनगर जिला कलेक्ट्रेट पर सेमरा हरदोई गांव के एक परिवार ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। यह परिवार अगस्त माह में हुए उत्कर्ष सिंह हत्याकांड के आरोपियों के परिजन हैं। परिवार का आरोप है कि मृतक उत्कर्ष सिंह उनके घर में घुस गया था और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व जोर-जबर्दस्ती की। इसके बाद परिवार के सदस्यों और उत्कर्ष सिंह के बीच मारपीट हुई, जिसमें उत्कर्ष सिंह की जान चली गई। इस मामले में परिवार के श्रीनिवासन यादव सहित तीन लोग जेल गए हैं। परिवार के अनुसार, मृतक के राजनीतिक रसूख वाले परिजनों और समर्थकों ने मिलकर आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगवा दिया। इसके चलते परिवार को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। मंगलवार को जेल में बंद श्रीनिवास यादव के गांव और रिश्तेदार कलेक्ट्रेट पहुंचे। आशा देवी ने एडीएम को दिए ज्ञापन में बताया कि मृतक ने उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की थी। उन्होंने मांग की कि उनके परिवार के सदस्यों पर लगाया गया रासुका हटाया जाए, ताकि उन्हें जमानत मिल सके। ग्रामीणों के साथ आए प्रभंस सिंह ने कहा कि हत्या के आरोप में रासुका लगाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने रासुका वापस लेने की मांग की, क्योंकि परिवार में कोई पुरुष अभिभावक न होने से महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं और घर पर नहीं रह पा रही हैं। उन्होंने डरे हुए परिवार को सुरक्षा प्रदान करने और पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल व अन्य सामान वापस करने की भी मांग की। जेल में बंद आरोपियों की मां ने बताया कि घर में कोई कमाने वाला नहीं है और बेटों को जमानत नहीं मिल पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में कार्रवाई की जा रही है और अब उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने मामले की जांच में उनके पक्ष को भी सुनने की अपील की।
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