महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है। संघ का कहना है कि नवीन तकनीकी संचार व्यवस्था के अभाव में पोषाहार वितरण में गंभीर समस्याएं आ रही हैं, जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासनादेश के अनुसार, पोषाहार का वितरण बिना फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरे की प्रमाणितकता) के नियम विरुद्ध है। हालांकि, खराब नेटवर्क स्पीड के कारण यह प्रमाणीकरण प्रक्रिया अक्सर असंभव हो जाती है। इससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर वरिष्ठ अधिकारियों का अत्यधिक दबाव रहता है कि वे नियमों का पालन करें, जबकि तकनीकी बाधाएं उन्हें ऐसा करने से रोकती हैं। फेस ऑथेंटिकेशन के बाद भी, तेज नेटवर्क न होने के कारण दूसरा प्रमाणीकरण नहीं हो पाता। इस वजह से लाभार्थियों द्वारा शिकायतें की जाती हैं, और वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया अक्सर प्रतिकूल होती है, भले ही वे स्थिति से अवगत हों। संघ ने मांग की है कि मुख्य सेविकाओं को, जो बेहतर संचार व्यवस्था का खर्च वहन कर सकती हैं, चेहरा प्रमाणीकरण योग्य मोबाइल फोन के साथ प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर भेजा जाए ताकि वे कार्यकर्ताओं का सहयोग कर सकें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाली मोबाइल रिचार्ज राशि अपर्याप्त है और वर्तमान में इससे कोई रिचार्ज उपलब्ध नहीं है। संघ ने पोषण ट्रेकर ऐप में बदलाव की भी मांग की है ताकि चेहरा प्रमाणीकरण आसानी से हो सके। इसके अलावा, री-कैप्चर करने पर सफल बताने के बावजूद टी.एच.आर. (टेक होम राशन) शो न होने की समस्या का भी समाधान करने की मांग की गई है। कार्यकर्ताओं के खातों में 5जी मोबाइल खरीदने के लिए पर्याप्त राशि भेजने की भी मांग की गई है। संघ की अन्य मांगों में वर्षों से लंबित कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय का तत्काल भुगतान शामिल है। नई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के रुके हुए मानदेय का एरियर बनाकर धनराशि भेजने और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को न्यूनतम मानदेय का भुगतान करने की भी मांग की गई है। संघ ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की नियमावली में संशोधन करते हुए उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति देने की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई है।
https://ift.tt/ZKHgxIo
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply