अखिल भारतीय चाणक्य परिषद ने प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है। इसमें मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। वर्मा पर ब्राह्मण समाज की बेटियों के प्रति अभद्र टिप्पणी कर जातीय विद्वेष फैलाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप है। परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक कृपा निधान तिवारी की अगुवाई में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि आईएएस संतोष वर्मा ने सार्वजनिक रूप से ब्राह्मण समाज की बेटियों के प्रति अत्यंत अभद्र, अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसे केवल एक समाज का नहीं, बल्कि देश की समस्त बेटियों का अपमान बताया गया है। ज्ञापन में इस कृत्य को नारी सम्मान पर सीधा प्रहार बताया गया है, जिससे सामाजिक सौहार्द, शांति और कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है। परिषद ने भारत की संस्कृति के ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ सिद्धांत का हवाला दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संतोष वर्मा पूर्व में भी जालसाजी और महिलाओं से संबंधित अपराधों में जेल जा चुके हैं। परिषद का कहना है कि यह उनके असामाजिक चरित्र की पुष्टि करता है। परिषद ने आशंका जताई है कि यह कृत्य केवल व्यक्तिगत बयान नहीं, बल्कि किसी संगठित गिरोह, फंडिंग या विदेशी संरक्षण के तहत समाज में विद्वेष फैलाने और गृह युद्ध की सुनियोजित कोशिश हो सकती है, जिसकी गहन जांच आवश्यक है। ज्ञापन में वर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की कठोर धाराओं में तत्काल मुकदमा दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि 13 जनवरी तक संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो 14 जनवरी को प्रयागराज मेला क्षेत्र कुंभ में विशाल ब्राह्मण कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। इस मौके पर विनोद तिवारी, उमाशंकर तिवारी सुमन दुबे, परमजीत कौर, विनय पाण्डेय, मृत्युंजय, राहुल, गीता, गुड़िया, जगदीश चंद्र मिश्रा, गौतम कुमार पांडे सहित बड़ी संख्या में परिषद के लोग मौजूद रहे।
https://ift.tt/9Mpl1Ie
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply