मोतिहारी में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। ऑर्केस्ट्रा की डांसरों के साथ डर्टी डांस का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग की कार्रवाई अभी शुरू ही हुई थी कि उसी शिक्षक का एक और वीडियो सामने आ गया है। इस नए वीडियो ने न सिर्फ शिक्षा विभाग, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है। वायरल फुटेज में शिक्षक स्कूल परिसर में पढ़ाई कराने की जगह छात्रों से हाथ दबवाते नजर आ रहे हैं। स्कूल में अनुशासन की उड़ती धज्जियां वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि शिक्षक आराम की मुद्रा में टेबल पर पैर रखकर बैठे हैं और एक-दो नहीं, बल्कि चार छात्रों से दोनों हाथ दबवाते हुए नजर आते हैं। बच्चे पढ़ाई के समय शिक्षक की सेवा करते दिख रहे हैं, जिससे स्कूल के अनुशासन और शिक्षा के माहौल पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह वीडियो कथित तौर पर स्कूल के अंदर ही रिकॉर्ड किया गया बताया जा रहा है। कंछेदवा प्राथमिक विद्यालय का मामला जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो में दिख रहे शिक्षक मधुसूदन सिंह हैं, जो हरसिद्धि प्रखंड के कंछेदवा प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले भी मधुसूदन सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वे ऑर्केस्ट्रा की नर्तकियों के साथ आपत्तिजनक तरीके से डांस करते दिखे थे। उस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हुई थी। डीईओ ने मांगा था स्पष्टीकरण डर्टी डांस वाले वीडियो के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने शिक्षक से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। शिक्षा विभाग ने उस मामले को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, अभी तक उस नोटिस का जवाब भी सामने नहीं आया था कि इससे पहले ही शिक्षक का दूसरा वीडियो वायरल हो गया, जिससे मामला और भी तूल पकड़ गया है। शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल लगातार सामने आ रहे वीडियो ने सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षक समाज के लिए आदर्श माने जाते हैं और बच्चों के व्यक्तित्व व चरित्र निर्माण की अहम जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होती है। ऐसे में यदि शिक्षक ही अनुचित आचरण में लिप्त पाए जाएं, तो इसका सीधा असर बच्चों की सोच और संस्कारों पर पड़ता है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। कई यूजर्स ने शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि स्कूल ज्ञान और संस्कार देने का केंद्र होता है, न कि निजी आराम और मनमानी का स्थान। कुछ अभिभावकों ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते ऐसे मामलों पर सख्ती नहीं की गई, तो सरकारी स्कूलों की छवि और अधिक खराब हो सकती है। कार्रवाई पर टिकी नजरें फिलहाल यह मामला शिक्षा विभाग के संज्ञान में है और अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि विभाग आगे क्या कदम उठाता है। यह देखना अहम होगा कि शिक्षक मधुसूदन सिंह के खिलाफ केवल स्पष्टीकरण तक ही कार्रवाई सीमित रहती है या फिर विभाग कोई कठोर निर्णय लेता है। लगातार सामने आ रहे वीडियो ने साफ कर दिया है कि यह मामला केवल एक शिक्षक के आचरण तक सीमित नहीं, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था की निगरानी और जवाबदेही से जुड़ा हुआ है।
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