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चलो तुरंत वापस निकलो…बांग्लादेश के 8 गैस टैंकर भारत में रोके गए

त्रिपुरा की धरती पर आठ बांग्लादेशी गैस टैंकर्स को रोक दिया गया और फिर गूंजा बांग्लादेशी वापस जाओ। यह भारत के धैर्य का टूटना, जनता का गुस्सा और एक साफ संदेश उन लोगों को जो भारत को अनाप शनाप बकते हैं। सच्चाई यही है आज की कि बांग्लादेश में हर रोज जो कुछ हो रहा वो सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक दिख भी रहा कि भारत विरोधी लोग कैसे बांग्लादेश की सड़कों पर उतरे हैं। लेकिन इनका इलाज भारत बखूबी कर रहा है।

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बांग्लादेश में शेख हसीना की अगुवाई वाली जो लोकतांत्रिक सरकार थी उसके हटने के बाद जो हुआ वो सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं था दोस्तों। वो था कट्टरपंथियों का आगमन। कट्टरपंथियों का खुला न्योता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के आते ही जिन ताकतों ने गले लगाया बांग्लादेश को वो थे चीन पाकिस्तान और तीसरे कट्टरपंथी संगठन। वे सभी भारत विरोधी एजेंडे से जुड़े हुए हैं। जैसा कि दुनिया जानती है। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जरा यूनुस की चीन की यात्रा याद कर लीजिए। जब युनुस ने सेवन सिस्टर्स यानी कि जो पूर्वोत्तर के सात राज्य हैं उनका उल्लेख किया और उसी दौरान उन्होंने बांग्लादेश को सेवन सिस्टर्स का गार्डियन बता डाला।

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सबसे बड़ी बात भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर सबसे बड़े सवाल उसी दौरान खड़े हो गए जिस दौरान यूनुस चीन में थे। इसी बीच पाकिस्तानी सेना आईएसआई के टॉप कमांडर्स ढाका में लगातार दौरे पर दौरे कर रहे थे और यह सब केवल संयोग नहीं है। भारत ने उसी वक्त ये अच्छे से समझ लिया कि बांग्लादेश की धरती अब भारत विरोधी गतिविधियों का मंच बनाई जा रही है। अब इन्हीं सबको देखते हुए जो भारत का राज्य है त्रिपुरा भारत का सबसे शांत राज्य है। जहां लोग राजनीति से कोसों दूर रहते हैं।
लेकिन जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हुए, भारत विरोधी बयानबाजी सड़कों पर हुई और धमकियों की खबरें आने लगी तो जनता चुप नहीं बैठी। त्रिपुरा के जीरानिया उपखंड और बोधक जंग नगर क्षेत्र में बांग्लादेश से आ रहे आठ एक दो नहीं आठ गैस बुलेट टैंकर्स को लोगों ने रोक दिया। स्थानीय सूत्रों और मौके पर मौजूद प्रदर्शनकारियों के अनुसार, बांग्लादेशी वाहनों को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए लगाए गए नाकाबंदी के तहत लगभग आठ वाहनों को रोका गया।

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प्रदर्शनकारियों ने हालिया राजनीतिक तनाव, कथित भारत-विरोधी बयान और बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हुए हमलों को विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण बताया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मौजूदा हालात में बांग्लादेशी वाहनों को भारत में प्रवेश करने देना अस्वीकार्य है, और आरोप लगाया कि सीमा पार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने दावा किया कि इस नाकाबंदी का उद्देश्य इन घटनाओं के खिलाफ कड़ा संदेश देना था।


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