एटा पुलिस ने ‘ऑपरेशन श्वेत’ के तहत गौकशी के मामलों में शामिल अपराधियों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान जलेसर और अलीगंज थाना पुलिस ने कुल 38 संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनका सत्यापन किया। यह अभियान अपर पुलिस अधीक्षक श्वेताभ पांडे के निर्देश पर जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में चलाया गया। पुलिस टीमों ने गौकशी के मामलों में पहले जेल काट चुके अपराधियों के घरों पर आधी रात को दबिश दी। अभियान के तहत, जलेसर थाना पुलिस ने 18 आरोपियों को हिरासत में लिया, जबकि अलीगंज थाना पुलिस ने 20 लोगों को पकड़ा। हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों को सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने पिछले दस वर्षों में गौकशी के मामलों में सक्रिय रहे अपराधियों के घरों पर दबिश दी। इस कार्यवाही का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि जेल से छूटने के बाद आरोपी सामान्य जीवन जी रहे हैं या अभी भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं। पुलिस ने उनकी वर्तमान स्थिति, जिले में उपस्थिति या अनुपस्थिति, और जीवित होने या न होने का भी सत्यापन किया। उन्हें भविष्य में आपराधिक गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी गई। इस पूरे अभियान में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा श्याम नारायण सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक जनपद एटा का मार्गदर्शन रहा। क्षेत्राधिकारी जलेसर ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह और क्षेत्राधिकारी अलीगंज नीतीश गर्ग ने भी अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व किया। जलेसर क्षेत्र में, प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से गौकशी के अभियुक्तों का सत्यापन किया गया। इस दौरान कुल 18 व्यक्तियों को धारा 170/126/135 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया गया। इन सभी आरोपियों को माननीय एसडीएम कोर्ट जलेसर, जनपद एटा भेजा गया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम और पते भी जारी किए हैं।
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