उत्तर प्रदेश में लेखपाल पद के भर्ती के लिए 29 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए। यह आँनलाइन आवेदन 7994 पदों के लिए लिए जा रहे हैं। इससे पहले उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से इसमें बदलाव कर दिया गया जिसमें सामान्य वर्ग के 905 पद कम हो गए जबकि ओबीसी के पदों में वृद्धि हो गई। अब इसका विरोध शुरू होगया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने इसके विरोध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। ‘सरकार बताए आखिर कैसे गलत था पहले का विज्ञापन’ छात्र आंदोलन समन्वय समिति के संयोजक प्रशांत पांडेय ने कहा है कि पत्र लिख कर लेखपाल भर्ती 2025 में 16 दिसंबर को जारी विज्ञापन को निरस्त कर के नया विज्ञापन जारी करने पर आपत्ति जताई गई। मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि पूर्व में जारी विज्ञापन कैसे गलत था और अगर गलत था तो दोषी कौन और उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही हुई तथा वर्तमान विज्ञापन में अनारक्षित पदों की संख्या किस आधार पर कम किया गया? ‘सरकार सामान्य वर्ग के मेधावियों के साथ कर रही अन्याय’ प्रशांत पांडेय कहते हैं कि सरकार राजनीतिक दबाव के आगे झुक कर अनारक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों के साथ अन्याय कर रही है। मांग है या तो भर्ती पूर्व के विज्ञापन के अनुसार हो नहीं तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे। साथ ही साथ पूरे प्रदेश में सरकार की इस अक्षमता के विरुद्ध व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। पूरे प्रदेश में जा कर अनारक्षित वर्ग को जानकारी देंगे किस प्रकार सरकार राजनीतिक ब्लैकमेलिंग के आगे झुक कर योग्य युवाओं के हकों पर डाका डालने का कार्य कर रही है। अपने पत्र में प्रशान्त पांडेय ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों के दबाव में सरकार अनारक्षित वर्ग के साथ घोर अन्याय कर रही है।
https://ift.tt/Y8f3XR4
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply