भास्कर न्यूज|गोपालगंज जिले में लघु खनिजों के क्रय-विक्रय से जुड़े व्यवसाय को विधिसम्मत, पारदर्शी और संगठित बनाने की दिशा में खनन विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसी क्रम में आज जिला खनन विभाग के कार्यालय प्रकोष्ठ में के-लाइसेंस प्राप्त करने को लेकर विशेष शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चला, जिसमें बड़ी संख्या में खनिज कारोबार से जुड़े छोटे-बड़े व्यवसायी और व्यापारी उपस्थित रहे।शिविर के दौरान उपस्थित लोगों को ई-लाइसेंस (के-लाइसेंस) से संबंधित आवश्यक दस्तावेजों, आवेदन प्रक्रिया, नियमों और शर्तों की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला खनिज पदाधिकारी अनिल कुमार एवं खनन निरीक्षक सौरभ अभिषेक ने संयुक्त रूप से बताया कि जिले में ई-लाइसेंस तीन प्रकार के होते हैं-लघु, मध्यम और वृहद्। इन तीनों श्रेणियों के लाइसेंस की पात्रता, उपयोगिता, शुल्क और वैधता अवधि की जानकारी व्यवसायियों को विस्तार से समझाई गई। अधिकारियों ने बताया कि के-लाइसेंस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य लघु खनिजों के क्रय-विक्रय से जुड़े सभी छोटे व्यवसायियों और व्यापारियों को एक पारदर्शी एवं वैध प्रणाली से जोड़ना है, ताकि अवैध खनन, अनियमित परिवहन और राजस्व हानि पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके। ई-लाइसेंस के माध्यम से खनिजों के व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी, साथ ही सरकार को वास्तविक कारोबार की सही जानकारी मिल सकेगी। कानूनी कार्रवाई का प्रावधान की दी गई जानकारी शिविर में मौजूद व्यवसायियों को यह भी बताया गया कि बिना वैध के-लाइसेंस के खनिजों का क्रय-विक्रय करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में जुर्माना, जब्ती और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इसलिए सभी संबंधित व्यवसायियों से अपील की गई कि वे नियमानुसार के-लाइसेंस के लिए आवेदन कर अपने व्यवसाय को वैध रूप से संचालित करें। खनन निरीक्षक सौरभ अभिषेक ने कहा कि विभाग का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं, बल्कि सभी व्यापारियों को कानून के दायरे में लाकर सुरक्षित और सुचारू व्यापारिक माहौल उपलब्ध कराना है। शिविर के माध्यम से व्यवसायियों की शंकाओं का समाधान किया गया और ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को भी सरल भाषा में समझाया गया।
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