चिनहट के लौलई में भास्करेश्वर महादेव की स्थापना के उपलक्ष्य में शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन की कथा सुनाई। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा पंडाल ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूंजता उठा और इलाका पूरी तरह शिवमय हो गया। कथा व्यास भास्करानंद सरस्वती महाराज ने शिव महापुराण के सातवें दिन के प्रसंग में भगवान शिव के दिव्य स्वरूप और शिव तत्व की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि भगवान शिव करुणा, वैराग्य और कल्याण के प्रतीक हैं। शिव की भक्ति से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। शिव भक्ति से मन को शांति और आत्मा को बल मिलता है। भक्त के भीतर संयम और सेवा का भाव आता है स्वामी भास्करानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शिव महापुराण केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला ग्रंथ है। शिव का स्मरण करने से अहंकार समाप्त होता है। भक्त के भीतर संयम और सेवा का भाव जागृत होता है। सातवें दिन उन्होंने शिव-पार्वती विवाह, शिव कृपा और मोक्ष मार्ग का भी वर्णन किया। श्रद्धालु कथा के दौरान भावविभोर नजर आए। आयोजक एवं यजमान रणंजय सिंह ने बताया कि यह शिव महापुराण कथा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ने का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि कथा के समापन पर मंगलवार को पूर्णाहुति यज्ञ और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसमें क्षेत्र के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होंगे। आयोजन को सफल बनाने में पपनामऊ, अभय सिंह, देवराज सिंह, अजय कुमार सिंह सहित समस्त आश्रम परिवार की सक्रिय सहभागिता रही।
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