गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और निवेश के लिहाज से आज का दिन अहम रहा, जब मलेशिया टूरिज्म (इंडिया) के राष्ट्रीय निदेशक जोलिफ अली पहली बार शहर पहुंचे। उनके दौरे के दौरान गोरखपुर में बिजनेस व टूरिज्म सेमिनार और रोड शो का आयोजन हुआ, जिसमें भारत-मलेशिया के बीच पर्यटन और निवेश सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सेमिनार में मलेशिया टूरिज्म की ओर से भारतीय उद्यमियों को मलेशिया में उपलब्ध निवेश अवसरों की जानकारी दी गई। पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, शिक्षा और इससे जुड़े अन्य सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को विस्तार से रखा गया। साथ ही दोनों देशों के बीच टू-वे टूरिज्म को बढ़ावा देने की रणनीति पर भी विचार हुआ। पूर्वांचल को मिल सकता है सीधा फायदा
मलेशिया और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच पर्यटन और व्यापारिक संपर्क मजबूत होने से गोरखपुर, कुशीनगर और आसपास के जिलों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद जताई गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय कारोबार और रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे। कार्यक्रम में बौद्ध पर्यटन पर विशेष फोकस रखा गया। मलेशिया बौद्ध यात्रियों के लिए बड़ा विदेशी बाजार माना जाता है और कुशीनगर विश्व के प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में शामिल है। ऐसे में आने वाले समय में कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की संभावना जताई गई। सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से बढ़ी संभावनाएं
लखनऊ से मलेशिया के लिए शुरू हुई सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया गया। बेहतर एयर कनेक्टिविटी से गोरखपुर और पूर्वांचल के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान हुई है, जिससे पर्यटन, व्यापार और निवेश को नई गति मिलने की उम्मीद है। इस अवसर पर गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के पर्यटन विशेषज्ञ, ट्रैवल ट्रेड से जुड़े प्रतिनिधि और कारोबारी मौजूद रहे। आयोजन को मलेशिया और पूर्वांचल के बीच पर्यटन सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
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