बुलंदशहर में परिजनों की मामूली डांट से नाराज होकर एक नाबालिग घर से निकल गई थी। वह ट्रेन से राजस्थान के सीकर पहुंची। जहां एक महिला के चंगुल में फंस गई। इस महिला ने किशोरी को बेचने और उसकी शादी जबरन एक अधेड़ व्यक्ति से कराने की तैयारी कर ली थी। चार महीने बाद सीडब्ल्यूसी के प्रयासों से किशोरी सुरक्षित अपने घर लौट आई है। डिबाई नगर की रहने वाली इस किशोरी का करीब चार माह पहले परिजनों से किसी बात पर विवाद हो गया था। परिजनों की डांट से क्षुब्ध होकर वह बिना बताए घर से निकल गई और ट्रेन के जरिए राजस्थान के सीकर जिले में पहुंच गई। वहां वह एक संदिग्ध महिला के चंगुल में फंस गई। किशोरी ने बताया कि उस महिला ने उसका सौदा कर दिया था और उसकी शादी किसी अधेड़ व्यक्ति से तय कर दी थी। सीडब्ल्यूसी सदस्य कुसुम शर्मा ने बताया कि महिला के चंगुल से बचकर किशोरी किसी तरह जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां गश्त कर रही पुलिस को किशोरी पर संदेह हुआ, तो उन्होंने पूछताछ की। सुरक्षा कारणों से पुलिस ने उसे जयपुर के बालिका गृह भेज दिया। किशोरी लगभग चार महीने तक वहीं रही। इस दौरान जयपुर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने उससे काउंसलिंग की, जिसमें उसने अपना पता डिबाई, बुलंदशहर बताया। इसके बाद वहां से तत्काल बुलंदशहर सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया गया। समिति अध्यक्ष डॉ. अंशु बंसल ने डिबाई कोतवाली में संपर्क किया तो पता चला कि एक किशोरी लापता है, मगर उसके बारे में परिजनों ने रिपोर्ट नहीं की थी। काफी खोजबीन के बाद किशोरी के परिजनों का पता लगाया गया। सोमवार को जयपुर बालिका गृह से एक टीम उसे बुलंदशहर लेकर पहुंची और उसकी मां को किशोरी को सुपुर्द कर दिया गया। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डा. अंशु बंसल ने बताया कि किशोरी सकुशल आ गई है। परिजनों की डाट से नाराज होकर वह घर से निकल गई थी। किशोरी को उसकी मां को सौंप दिया है। परिजन बच्चों ने मधुर व्यवहार रखें।
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