कानपुर के लालबंगला क्षेत्र स्थित सीएचसी (हरजिंदर नगर डीटीसी) पर सोमवार दोपहर 1 बजे आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आशा वर्कर्स ने बताया कि उन्हें 1800 से 2000 रुपये तक का वेतन टुकड़ों में और वाउचर के माध्यम से मिलता है। वाउचर पास कराने के लिए उन्हें बाबू और अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों से वे अपनी मांगों को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं और डीएम व सीएमओ को ज्ञापन भी सौंप चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वर्कर्स ने यह भी बताया कि उनकी ड्यूटी का कोई निश्चित समय नहीं है और उन्हें धूप, ठंड या बरसात किसी भी मौसम में काम पर बुलाया जाता है। बीमार होने पर उन्हें काम से निकालने की धमकियां मिलती हैं। उन्होंने अपनी स्थिति पर हैरानी जताते हुए कहा कि वे आयुष्मान कार्ड बनाती हैं, लेकिन उनके पास खुद का आयुष्मान कार्ड नहीं है। आशा वर्कर्स की प्रमुख मांगों में 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन के अनुरूप सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम वेतन लागू करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ईपीएफ, ईएसआई सदस्यता, ग्रेच्युटी का सुनिश्चित भुगतान, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख का जीवन बीमा की मांग की है। उनकी अन्य मांगों में कार्य की सीमा तय करना, आशा वर्कर्स के लिए 21,000 रुपये और आशा संगिनी के लिए 28,000 रुपये का वेतन निर्धारित करना, भ्रमण भत्ता और स्कूटी प्रदान करना शामिल है। उन्होंने सरकारी काम के लिए 5G गुणवत्ता वाला मोबाइल फोन, गोल्डन आयुष्मान कार्ड और परिचय पत्र भी देने की मांग की है।
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