कानपुर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में सालों से लंबित भूखंडों के विवादों का सोमवार को निस्तारण किया गया। केडीए जोन-2 की विशेष कार्याधिकारी के नेतृत्व में पारदर्शी तरीके से लोगों के सामने लॉटरी निकाली गई और सभी को भूखंड आवंटित किए गए। पारदर्शी तरीके से हुई प्रक्रिया से सभी शहरवासी संतुष्ट नजर आए और सालों से चल रहे विवादों का निस्तारण किया जा सका। भूखंड आवंटित होने के बाद सभी आवंटियों को बची हुई प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्धारित समय भी दे दिया गया है, जिससे कि वह कार्रवाई को पूरा करके भूखंडों की रजिस्ट्री करवा सकें। 134 प्लाटों पर चल रहा था विवाद केडीए के जोन-2 में आने वाले महावीर नगर विस्तार पार्ट-2 और रामगंगा इंक्लेव योजनाओं के प्लाटों में विवाद की स्थिति बनी थी। इसमें महावीर नगर विस्तार पार्ट-2 में बने 877 में से कुल 102 भूखंडों पर विवाद था। वहीं रामगंगा इंक्लेव में 22 ईडब्ल्यूएस भूखंडों पर विवाद था। ओएसडी मीनाक्षी गुप्ता के साथ अनुसचिव बलराम, लेखाकार अखिलेश मिश्रा और पूरी टीम की मौजूदगी में पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए इन विवादों को निपटाया गया। लॉटरी के माध्यम से सभी को प्लाट आवंटित कर दिए गए, जिसमें सभी शहरवासियों ने अपनी संतुष्टि जताई। अन्य विवादों को भी किया जाएगा खत्म ओएसडी मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि दोनों योजनाओं में 2016 और 2020 से विवाद की स्थिति थी। सभी मामले फाइलों में दबे हुए थे। इन्हें चिन्हित करके पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए खत्म कराया गया है। जिन आवंटियों के पास पहले से कॉर्नर के प्लाट थे। उन्हें पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए कॉर्नर के प्लाट ही उपलब्ध कराए गए हैं। जिससे किसी तरह का विवाद न उत्पन्न हो। उन्होंने बताया कि महावीर नगर योजना के विवादों को खत्म करते हुए सभी को वैकल्पिक प्लाट उपलब्ध करा दिए गए हैं।
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