देवरिया में बेसिक शिक्षा विभाग ने सरप्लस (अतिरिक्त) शिक्षकों के समायोजन के लिए होने वाली काउंसलिंग में बदलाव किया है। शिक्षकों की आपत्तियों के बाद शुक्रवार को प्रस्तावित काउंसलिंग रद्द कर दी गई। अब विभाग 30 दिसंबर, मंगलवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), रामपुर कारखाना में प्रभावित शिक्षकों की काउंसलिंग फिर से कराएगा। शासन के निर्देशानुसार, अतिरिक्त शिक्षकों को उन परिषदीय विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाना है जहाँ शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राथमिक विद्यालयों में 30 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती अनिवार्य है। इसी मानक के आधार पर जिले में शिक्षकों का समायोजन किया जा रहा है। देवरिया जिले में कुल 2121 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें लगभग 1.82 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। जिले के 16 विकास खंडों में लगभग 461 शिक्षक सरप्लस श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं। इसके विपरीत, जिले में 128 विद्यालय ऐसे हैं जहाँ शिक्षकों के पद रिक्त हैं। काउंसलिंग के बाद इन्हीं रिक्त विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। शुक्रवार को विभिन्न विकास खंडों के अतिरिक्त शिक्षकों को समायोजन के लिए बुलाया गया था, जहाँ उन्हें रिक्त विद्यालयों का विकल्प देना था। हालांकि, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी शिक्षकों की सूची में कई खामियाँ पाई गईं। शिक्षकों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि सूची में छात्र संख्या और शिक्षक संख्या का सही आकलन नहीं किया गया है। इन आपत्तियों के कारण विभाग ने काउंसलिंग प्रक्रिया को रद्द कर दिया। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 60 से अधिक होने पर शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाती है। 60 से 90 छात्रों पर तीन शिक्षक अनिवार्य हैं। 200 से अधिक छात्रों पर 40 छात्रों पर एक शिक्षक का मानक लागू होता है। प्राथमिक विद्यालयों में 150 से अधिक छात्रों पर प्रधानाध्यापक का पद स्वीकृत है। उच्च प्राथमिक स्तर पर न्यूनतम 100 छात्रों पर तीन शिक्षक – एक भाषा, एक गणित/विज्ञान और एक सामाजिक विषय का होना अनिवार्य है। अब मंगलवार, 30 दिसंबर को डायट में काउंसलिंग के माध्यम से अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा।
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