दिल्ली सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा है कि वह राजधानी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित नागरिकों को न केवल छत बल्कि एक सम्मानजनक और सुगम जीवन प्रदान करने के अपने संकल्प पर लगातार आगे बढ़ रही है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस दिशा में, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) की मौजूदा ईडब्ल्यूएस आवासीय कॉलोनियों में सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: Delhi Airport पर कोहरे के कारण 128 उड़ानें रद्द, आठ का मार्ग बदला गया
सरकार का उद्देश्य केवल मकान बनाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और वंचित लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, जल आपूर्ति, हरित क्षेत्र और आजीविका से संबंधित सभी सुविधाएं एक साथ मिलें। सावदा घेवरा जैसी गरीबों के लिए निर्मित बड़ी कॉलोनियों में बुनियादी और सामाजिक अवसंरचना का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वर्ष से पात्र गरीब परिवारों को फ्लैटों का आवंटन शुरू हो जाएगा। विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सावदा घेवरा ईडब्ल्यूएस आवासीय कॉलोनी लगभग 37.81 एकड़ भूमि पर विकसित की गई है। 2012 से 2018-2020 के बीच यहां कुल 7,620 आवासीय इकाइयां निर्मित की गईं, जिनमें से 6,476 फ्लैट वर्तमान में खाली हैं। हालांकि, पिछली सरकारों ने इस कॉलोनी में गरीब परिवारों को बसाने में कम रुचि दिखाई, जिसके कारण कई फ्लैटों की मरम्मत की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि ये आंकड़े स्पष्ट रूप से कॉलोनी की बड़ी आबादी को समायोजित करने की क्षमता को दर्शाते हैं, और इसके लिए आवश्यक सामाजिक और सामुदायिक सुविधाओं का समय पर विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसे भी पढ़ें: अब नहीं मिलेगी सेंगर को राहत? CBI ने चला कौन सा नया दांव, विंटर ब्रेक में भी सुप्रीम कोर्ट का ताला खुला
इस कॉलोनी में शत प्रतिशत सीवरेज नेटवर्क है, जिसे शहरी बुनियादी ढांचे के लिहाज से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने अब यहां गरीब परिवारों को बसाने की तैयारी शुरू कर दी है और आवश्यक सुविधाएं तेजी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की सोच केवल स्थायी मकान उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है; बल्कि, लक्ष्य गरीब परिवारों को ऐसी कॉलोनियों में बसाना है जहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, जल आपूर्ति, हरित क्षेत्र और आजीविका से संबंधित सभी बुनियादी सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हों। विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
https://ift.tt/lfTZQr2
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply