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मधुबनी DM ने की अंतर-विभागीय रिव्यु मीटिंग:जमीन, अतिक्रमण और लंबित मामलों के तुरंत समाधान के निर्देश

मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार शाम डीआरडीए सभाकक्ष में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सभी विभागों के वरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया, जहां अंतर-विभागीय समन्वय और कार्यालय गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग, नहर प्रमंडल, लघु सिंचाई, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन और बाढ़ प्रमंडल जैसे विभागों को भूमि अधिग्रहण, कार्यालयों एवं योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता, भूमि अतिक्रमण, सीमांकन और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) से संबंधित मामलों का तत्काल समाधान करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सभी संबंधित विभाग भूमि की उपलब्धता और भू-अर्जन से जुड़े मामलों को सीधे ‘मधुबनी फर्स्ट पोर्टल’ पर अपलोड करें, ताकि अपर समाहर्ता (राजस्व) द्वारा उन पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। निर्धारित अवधि में पूरा करने का निर्देश दिया विभागीय कार्यवाही के मामलों की समीक्षा करते हुए, जिलाधिकारी ने इन्हें निर्धारित अवधि में पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने संचालन पदाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। इसके अतिरिक्त, जिला नीलाम पत्र वाद, जिला स्तरीय जनता दरबार, सीपी.ग्राम, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम, माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामले, सूचना का अधिकार और मानवाधिकार से संबंधित आवेदनों की भी बारी-बारी से समीक्षा की गई। 10 बड़े बकायेदारों के मामलों की विशेष समीक्षा की जिलाधिकारी ने मधुबनी जिले के अंतर्गत नीलाम पत्र वादों से संबंधित 10 बड़े बकायेदारों के मामलों की विशेष समीक्षा की। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को नीलाम पत्र के मामलों, विशेषकर बड़े बकायेदारों से जुड़े लंबित मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर तेजी से निपटाने का निर्देश दिया। सभी नीलाम पत्र पदाधिकारियों को कम से कम पांच बड़े राशि वाले मामलों का चयन कर उनका निष्पादन करने को कहा गया। यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वारंट जारी करने से पहले बकायेदारों को बकाया राशि भुगतान हेतु जारी डिमांड नोटिस की तामील निश्चित रूप से हो गई हो। सेवान्त फायदा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया सेवान्त लाभों की समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को समय पर सेवान्त फायदा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी विभागों के पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के सेवान्त लाभ से संबंधित भुगतान प्रस्ताव उनकी सेवानिवृत्ति से छह माह पूर्व ही सक्षम प्राधिकार को स्वीकृति हेतु भेज दिए जाएं, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के सेवान्त लाभ मिल सकें।


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