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कांग्रेस का इतिहास राष्ट्रहित के खिलाफ रहा है-स्वतंत्र देव सिंह:अटल स्मृति सम्मेलन, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कांग्रेस संघ और संविधान को लेकर भ्रम फैलाती है

अटल बिहारी बाजपेई के विचार, उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्र के लिए किए गए फैसलों की गूंज सोमवार को बरेली के अर्बन हॉट में सुनाई दी। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री की जन्म शताब्दी पर आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में भाजपा का पूरा संगठन जुटा। मंच से अटल युग की उपलब्धियों को याद किया गया, किसानों, सेना और गांवों के विकास से लेकर सुशासन तक उनकी सोच को नई पीढ़ी के सामने रखा गया। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की। अटल जयंती पर अर्बन हॉट में जुटा भाजपा का पूरा संगठन बरेली का अर्बन हॉट सोमवार को पूरी तरह अटलमय नजर आया। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी जुटे। कार्यक्रम में अटल जी के विचार, उनकी राजनीतिक यात्रा और राष्ट्र निर्माण में योगदान पर विस्तार से चर्चा हुई। सुशासन दिवस के रूप में मनाई जा रही अटल जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई की जयंती को भाजपा सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों में गोष्ठियां, संगोष्ठियां और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि अटल जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। संघ से प्रधानमंत्री तक की अटल की प्रेरणादायक यात्रा स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई ने अपनी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू की थी। जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी के गठन तक उन्होंने संगठन को मजबूत किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ कश्मीर तक जाकर उन्होंने राष्ट्रवाद की अलख जगाई। संघर्ष से सत्ता तक, कभी नहीं डिगे अटल मंत्री ने कहा कि देश की कठिन परिस्थितियों में भी अटल बिहारी बाजपेई कभी झुके नहीं। आपातकाल के दौर से लेकर 1977 में विदेश मंत्री बनने तक उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। 1980 में भाजपा की स्थापना हुई, 1984 में पार्टी को सिर्फ दो सीटें मिलीं, लेकिन अटल जी ने हार नहीं मानी और निरंतर संघर्ष करते रहे। किसान और सेना के सम्मान की नींव अटल सरकार ने रखी स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई के प्रधानमंत्री कार्यकाल में किसान क्रेडिट कार्ड, किसान बीमा योजना जैसी ऐतिहासिक योजनाएं शुरू हुईं। कारगिल युद्ध के बाद शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर को गांव-गांव पहुंचाने और उनके परिवारों को सम्मान व आर्थिक सहयोग देने की परंपरा भी अटल सरकार की देन रही। शहीदों को सम्मान और गरीबों को अधिकार उन्होंने कहा कि अटल सरकार ने शहीदों के नाम पर सड़कों, गेटों और सरकारी संस्थानों के नाम रखे। पेट्रोल पंप आवंटन, आरक्षण व्यवस्था का विस्तार और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाने की सोच अटल जी की दूरदर्शिता को दर्शाती है। सड़कों से बदली गांवों की तस्वीर जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए पहली बार गांव-गांव को सड़कों से जोड़ा गया। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ा गया। सड़कों के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और किसानों की जमीनों की कीमत बढ़ी। अटल के सपनों को मोदी सरकार दे रही आकार स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई का सपना था कि समाज के अंतिम व्यक्ति को सम्मान, भोजन, रोजगार और आवास मिले। उन्हीं सपनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। विजन 2047 के तहत गरीबों को पक्का मकान, शौचालय, मुफ्त राशन और आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। डबल इंजन सरकार में कानून और विकास साथ-साथ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार के तहत कानून का राज स्थापित हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है। युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और प्रदेश तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस पर तीखा हमला, राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्र देव सिंह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता लगातार संघ और संविधान को लेकर भ्रम फैलाते रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास राष्ट्रहित के खिलाफ रहा है और उसने सरदार पटेल, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और अन्य महापुरुषों को उनका उचित सम्मान नहीं दिया। क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य ने भारत रत्न, भारतीय राजनीति के युगपुरुष, असंख्य भाजपा कार्यकर्ताओं के पथ प्रदर्शक, हम सभी के प्रेरणा स्रोत एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेई की जयंती पर नमन करके हुए कहा कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी बाजपेई का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। अटल बिहारी बाजपेई एक ऐसे दूरदर्शी व्यक्तित्व थे, जिनकी राजनीति में गरिमा थी, शब्दों में संयम और निर्णयों में राष्ट्र के प्रति गहरी प्रतिबद्धता थी और उन्होंने सत्ता को सदैव जनसेवा का माध्यम माना। पोकरण के साहसिक निर्णय ने भारत को आत्मविश्वास और सामर्थ्य का नया बोध कराया। अटल जी ने यह स्पष्ट कर दिया कि मजबूत राष्ट्र ही मानवीय मूल्यों की सच्ची रक्षा कर सकता है। मेयर डॉ उमेश गौतम ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई के जन्मदिवस को “सुशासन दिवस” के रूप में भी जाना जाता है। अपनी भाषण कला और राष्ट्रीय विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे, जिसके लिए उन्हें 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। अटल बिहारी बाजपेई का राजनीतिक जीवन बहुत लंबा और प्रेरणादायक रहा। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अटल बिहारी बाजपेई केवल एक राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्कि एक श्रेष्ठ साहित्यकार भी थे। उनकी कविताओं में राष्ट्रप्रेम, मानवता, पीड़ा और आशा की गहरी झलक मिलती है। कार्यक्रम के अंत मे कार्यक्रम अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने कहा कि अटल जी ने पड़ोसी देशों के साथ शांति की पहल भी की। पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए उनकी लाहौर बस यात्रा ऐतिहासिक मानी जाती है। उनका मानना था कि युद्ध नहीं, बल्कि संवाद से समस्याओं का समाधान होना चाहिए। वे संसद में अपने भाषणों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध थे। विरोधी दल के नेता भी उनकी वाणी, तर्क और शालीनता का सम्मान करते थे। जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की मजबूत मौजूदगी अटल स्मृति सम्मेलन में शहर और कैंट विधानसभा क्षेत्रों के बूथ स्तर तक के भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे। नगर निगम के सभी पार्षदों ने कार्यक्रम में भाग लिया। मंच पर मेयर डॉ. उमेश गौतम और क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य भी मौजूद रहे। आज के इस सम्मेलन में वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद, श्रुति गंगवार, महानगर उपाध्यक्ष देवेंद्र जोशी, प्रभु दयाल लोधी, उमेश कठेरिया, मीडिया प्रभारी बंटी ठाकुर, तृप्ति गुप्ता, प्रतेश पांडेय, अनुपम कपूर, रेखा श्रीवास्तव, विशाल मल्होत्रा, पार्षद सर्वेश रस्तोगी, अजय चौहान,शालिनी जौहरी, चित्रा मिश्रा, मोहित तिवारी, नरेन्द्र मौर्या, कन्हैया राजपूत, जयदीप चौधरी,अजय मौर्या, राजीव कश्यप, बृजेश सिंह, शिखा मल्होत्रा, सहित बड़ी संख्या पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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