ललितपुर जिले में वन क्षेत्र में निवास करने वाले सहरिया समुदाय के लोगों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वे वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन भूमि के पट्टे आवंटित करने की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष हरदयाल सिंह लोधी ने किया। शुक्रवार दोपहर, विभिन्न गांवों से 50 से अधिक सहरिया महिलाएं और पुरुष कचहरी से कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। उन्होंने ‘रघुपति राघव राजाराम’ का जाप करते हुए अपनी मांगें रखीं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने 29 दिसंबर 2006 को ‘अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम’ पारित किया था। इसे राज्य सरकारों को लागू करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, 19 साल बीत जाने के बाद भी ललितपुर जिले में किसी भी जनजाति के लोगों को वन अधिकार खेती के पट्टे नहीं दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अधिनियम 2006, नियम 2007 और संशोधन 2012 का घोर उल्लंघन है, जो पीढ़ियों से वनों में निवास कर रहे अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक वन निवासियों को अधिकार दिलाने के लिए बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि अधिनियम को पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए। उनका कहना था कि इससे उपेक्षित रावत सहरिया आदिवासियों को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिलेगा और उन्हें अधिनियम के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा। इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के अनूप ताम्रकार सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहे।
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