बुलंदशहर के निजामपुर बांगर गांव में 32 वर्षीय अमरपाल उर्फ अमरू का शव रविवार सुबह एक खेत की तारबंदी पर पड़ा मिला। अमरपाल जो पूठी नसीराबाद, थाना औरंगाबाद का निवासी था, चार दिन पहले निजामपुर आया था। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि उसकी मौत खेत की तारबंदी में छोड़े गए करंट की चपेट में आने से हुई है। मृतक अमरपाल सेक्टर 115 नोएडा में मनोज लोधी के साथ वेज बिरयानी की दुकान पर मुनीम का काम करता था। बताया गया कि शनिवार देर शाम वह घर से बाबा महेश्वर दास की कुटी के लिए निकला था और जंगल में लापता हो गया। घर नहीं पहुंचने पर परिजनों और ग्रामीणों ने किसी अनहोनी की आशंका में रात भर खेतों में उसकी तलाश की। रविवार सुबह वीर सिंह के लौकी के खेत की तारबंदी पर अमरपाल का शव मिला। ग्रामीणों का आरोप है कि रास्ते किनारे लगी तारबंदी में छोड़े गए करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हुई और बाद में शव को दूसरी जगह डाला गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फॉरेंसिक टीम से दोनों जगहों पर जांच पड़ताल कराई। पुलिस ने पंचनामा भरकर दिव्यांग अमरपाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नरसेना एसओ रितेश कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि गंगा किनारे के गांवों में फसलों और जानवरों की सुरक्षा के लिए तारबंदी में करंट छोड़ने का चलन है, लेकिन शिकायतों और हादसों के बावजूद प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
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