नए साल में बिहार के युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर खुलने जा रहे हैं। राज्य के परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने घोषणा की है कि अब बिहार में युवाओं को विदेशों में प्रचलित ‘लेफ्ट हैंड ड्राइविंग’ यानी बाईं ओर स्टीयरिंग वाली गाड़ियों को चलाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए राज्य में पहली बार विशेष ड्राइविंग ट्रैक तैयार किए जा रहे हैं, जिनका निर्माण कार्य जनवरी से शुरू होगा। अंतरराष्ट्रीय रोजगार के लिए तैयार होंगे युवा परिवहन मंत्री ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य बिहार के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्राइविंग के लिए दक्ष बनाना है। विदेशों में बड़ी संख्या में ड्राइवरों की मांग रहती है, लेकिन अलग ड्राइविंग सिस्टम के कारण बिहार के युवा वहां काम नहीं कर पाते थे। अब राज्य में ही उन्हें विदेशी मानकों के अनुसार प्रशिक्षण देकर विदेशों में रोजगार के योग्य बनाया जाएगा। चार जिलों में बनेंगे नए ड्राइविंग ट्रैक निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी दी कि फिलहाल पटना और औरंगाबाद में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। अब इस सुविधा का विस्तार करते हुए नालंदा, मोतिहारी, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में चार नए ड्राइविंग ट्रैक खोले जाएंगे। इन केंद्रों पर युवाओं को सिर्फ भारतीय सड़कों पर नहीं, बल्कि विदेशी सड़कों की परिस्थितियों के अनुरूप ड्राइविंग सिखाई जाएगी। आधुनिक तकनीक से होगा प्रशिक्षण इन नए ड्राइविंग ट्रैकों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को लेफ्ट हैंड ड्राइविंग, ट्रैफिक नियम, सड़क सुरक्षा, आपातकालीन स्थिति से निपटने और वाहन रखरखाव की भी जानकारी दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण पूरी तरह प्रैक्टिकल और जॉब-ओरिएंटेड होगा, ताकि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को सीधे रोजगार मिल सके। महिलाओं के लिए भी खुलेंगे नए अवसर परिवहन विभाग की इस पहल में महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य में संचालित ‘पिंक बसों’ के परिचालन के लिए अब महिलाओं को ड्राइवर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे महिलाओं को न सिर्फ सम्मानजनक रोजगार मिलेगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी। पिंक बस परियोजना को मिलेगा बल मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पिंक बसें महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए चलाई जा रही हैं। अब इन्हें महिला ड्राइवरों के माध्यम से संचालित करने से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। इसके लिए महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ वाहन चला सकें। मुख्यमंत्री के विजन से जुड़ी पहल परिवहन मंत्री ने बताया कि यह पूरी योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस विजन का हिस्सा है, जिसके तहत बिहार को देश के ‘टॉप फाइव’ राज्यों में शामिल करना है। इसके लिए सरकार युवाओं को विभिन्न तकनीकी और व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। युवाओं में बढ़ा उत्साह सरकार की इस घोषणा के बाद बिहार के युवाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। युवाओं का कहना है कि अब उन्हें रोजगार के लिए दूसरे राज्यों या देशों में भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि बिहार में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिल सकेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और भविष्य सुरक्षित होगा। बिहार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है योजना कुल मिलाकर लेफ्ट हैंड ड्राइविंग प्रशिक्षण और नए ड्राइविंग ट्रैक की योजना बिहार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह पहल न केवल बेरोजगारी कम करने में मददगार होगी, बल्कि बिहार के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करेगी। आने वाले समय में इसका सकारात्मक असर रोजगार, कौशल विकास और राज्य की छवि पर भी देखने को मिलेगा।
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