संभल में विवादित शाही जामा मस्जिद बनाम श्रीहरिहर मंदिर के पास स्थित 8 बीघा कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगा है। इस पर मकान और दुकानें बनाई गई हैं। श्रीकल्कि सेना (निष्कलंक दल) के राष्ट्रीय संयोजक सुभाष त्यागी एडवोकेट ने 12 दिसंबर को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अवैध कब्जा हटाने की मांग की है। अधिवक्ता सुभाष त्यागी ने बताया कि यह अवैध कब्जा मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित हरिहर मंदिर (जो वर्तमान में जामा मस्जिद है) के उत्तर दिशा में गाटा संख्या 32/2 की भूमि पर है। उन्होंने दावा किया कि 4780 वर्गमीटर का यह भूखंड 1990 से पहले पूरी तरह कब्रिस्तान था। उनके अनुसार 1989 में उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने के बाद इस कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण शुरू हुआ। पहले छोटे खोखे, फिर दुकानें और बाद में तीन-चार मंजिला मकान बना दिए गए। सुभाष त्यागी ने इन अवैध निर्माणों को 24 नवंबर 2024 को संभल में हरिहर मंदिर के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा से भी जोड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसक भीड़ ने इन्हीं मकानों की छतों का इस्तेमाल किया, जहां से सुरक्षा बलों पर पथराव और फायरिंग की गई थी। सुभाष त्यागी ने कहा कि भविष्य में ऐसी हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए इन गैरकानूनी मकानों को विधिक प्रक्रिया अपनाकर हटाना आवश्यक है। उन्होंने 12 दिसंबर को जिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में कब्रिस्तान की विधिवत पैमाइश कराने और अवैध निर्माण पाए जाने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत हटाने की मांग की है। एसडीएम संभल रामानुज ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। कब्रिस्तान की पैमाइश के लिए चार कानूनगो और 22 लेखपालों की एक टीम गठित की गई है। तहसीलदार संभल धीरेंद्र प्रताप सिंह को इस टीम का प्रभारी बनाया गया है, जबकि तीन नए तहसीलदार सह-प्रभारी होंगे। एसडीएम ने बताया कि पैमाइश के दौरान कोई विवाद न हो, इसके लिए कोतवाली संभल में 27 दिसंबर को एक बैठक भी आयोजित की गई थी।
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