पटना साहिब तख्त श्री हरमंदिर गुरुद्वारा में तीन दिवसीय प्रकाश उत्सव संपन्न हो गया। इस अवसर पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और गुरु महाराज की शिक्षाओं को आत्मसात किया। उत्सव के दौरान पूरे गुरुद्वारा परिसर को आकर्षक लाइटों और फूलों से सजाया गया था। सुबह से देर रात तक गुरबाणी, कीर्तन, अखंड पाठ साहिब और शब्द-कीर्तन का आयोजन किया गया। जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय ऊर्जा से ओत-प्रोत रहा। रागी जत्थों की ओर से प्रस्तुत मधुर कीर्तन ने संगत को भावविभोर कर दिया। कीर्तन मंडलियां और श्रद्धालु शामिल प्रकाश उत्सव के प्रथम दिन एक भव्य नगर कीर्तन निकाला गया। इसमें पंज प्यारे, गतका दल, कीर्तन मंडलियां और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। नगर कीर्तन के दौरान ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों से पूरा पटना साहिब गूंज उठा। मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं और सामाजिक संगठनों की ओर से शरबत, फल और जल सेवा की गई। तख्त श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन समिति ने संगत की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। चिकित्सा, आवास और लंगर की समुचित व्यवस्था थी। चौबीसों घंटे चलने वाले गुरु के लंगर में श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। जो सिख धर्म की समानता और सेवा भावना का प्रतीक है। सीएम और राज्यपाल गुरुद्वारा पहुंचे थे इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक, सांसद, संत-महापुरुषों और विभिन्न सिख संगठनों के पदाधिकारियों ने भी गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और संगत को शुभकामनाएं दीं। देश-विदेश से आए सिख समुदाय के वक्ताओं ने अपने संदेश में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन, त्याग, साहस और मानवता के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला। प्रकाश उत्सव के समापन पर अरदास की गई, जिसमें विश्व कल्याण, शांति और भाईचारे की कामना की गई। तीन दिवसीय यह पर्व श्रद्धा, सेवा और समर्पण की अनुपम मिसाल बनकर संपन्न हुआ। जिसने न केवल सिख समुदाय बल्कि सर्वधर्म समभाव की भावना को भी सुदृढ़ किया। इस मौके पर प्रबंधन कमेटी के लोगों ने बाहर से आए सभी श्रद्धालुओं को गुरु पर्व की शुभकामना दी।
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