आज मेरे बेटे को मरे हुए 11 दिन हो गए हैं… अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज की गई, मैने आज नवाबगंज चौकी प्रभारी को फोन किया, जिस पर उन्होंने कहा कि हमारे ACP साहब को कॉल करिए, मेरे तक कोई इफॉर्मेशन नहीं है। मैने कर्नलगंज ACP अमित चौरसिया को कॉल की, जिनके हाथ में पुलिस कमिश्नर ने जांच दी थी। उनका कहना है कि रिपोर्ट हमने सर को भेज दी है। मेरा एक कॉल आ रहा है, और इसके बाद उन्होंने फोन रख दिया… यह कहना था। नवाबगंज स्थित एनआरआई सिटी की 9वीं से कूदने वाले 14 साल के छात्र प्रखर की बोस्की त्रिपाठी का। बेटे की मौत के बाद उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली से क्षुब्ध होकर इंस्टाग्राम आईडी पर एक भावुक पोस्ट शेयर की। उन्होंने 2 मिनट 48 सेकेंड के एक वीडियो में अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मुझे समझ में नही आ रहा कि क्या मेरा बच्चा क्रिमिनल था… यह इतना पैसा खाकर सब लोग बैठे हैं, क्या उनके घर में कोई हादसा नहीं होगा। I Don’t Get It कि ये लोग क्यों इस तरह का काम कर रहे हैं, अगर उस तरफ से कोई गलती नहीं हुई थी, तो इस तरह से क्यों खींच रहे हैं कि एफआईआर न हो। यानी कि वो लोग कुछ ऐसा प्लॉट कर रहे हैं मेरे खिलाफ कि जो मुझे, मेरे माता–पिता और मेरी बच्ची को हानि कर सकता है। उन्होंने हाथ जोड़ कर कहा कि मैं सभी से आग्रह करती हूं कि प्लीज आप लोग मेरे बात को समझें और एफआईआर दर्ज करें, क्योंकि मेरा बच्चा कोई क्रिमिनल नहीं था, जो आप लोग जांच पड़ताल करते रहें.. रिपोर्ट बन गई है, सबमिट कर दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि किसको रिपोर्ट सबमिट कर दी है ? किसको सबमिट कर दी, आप ही को तो एफआईआर दर्ज करनी थी। ACP अमित चौरसिया जी आपसे एक मां का विनम्र आग्रह है कि एफआईआर दर्ज कर लीजिए… मैं पुलिस कमिश्नर से रिक्वेस्ट कर रही हूं, पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने कहा था कि 72 घंटे, आज मेरे बच्चे को 11 दिन हो गए, हम 18 तारीख को उनके पास गए थे। 18 तारीख के बाद इतने दिन हो गए, इसके बावजूद कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई है, इससे साफ हो रहा है कि पुलिस उनको पूरा प्रोटेक्शन दे रही है। हम जैसे लोग कौन से दरबार में जाकर माथा टेकें, कौन हमारी बात सुनेगा… साफ दिख रहा है कि वो पैसा खिला सकते है, और हम सिर्फ भुक्त भाेगी बन सकते हैं। हम पीड़ित हैं और हम ही प्रताड़ित हैं। अब जानिए पूरा मामला… मैनावती मार्ग स्थित एनआरआई सिटी के टॉवर नंबर तीन के फ्लैट नंबर 904 में अधिवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पिता राजकिशोर, मां सुमनलता और 14 वर्षीय बेटे प्रखर के साथ रहते है। जबकि उनकी पत्नी चार साल से कल्याणपुर स्थित अपने मायके में छोटी बच्ची के साथ रहती है। सुधांशु के पिता राजकिशोर जीएसटी के अधिवक्ता है। परिजन ने बताया कि बेटा प्रखर कल्याणपुर स्थित चिन्टलस स्कूल में 8वीं का छात्र था। बीते 17 दिसंबर को शाम करीब 5.30 बजे ट्यूशन टीचर घर पहुंची। इस दौरान होमवर्क पूरा नहीं होने पर ट्यूशन टीचर ने दादी से शिकायत की। ट्यूशन टीचर ने बोला कि प्रखर मुझे 3.30 बजे पढ़ाने के लिए बुला रहा था। मैं 5.30 बजे पहुंची, लेकिन उसने होमवर्क पूरा नहीं किया। जिस पर दादी ने कहा कि यह तो लैपटॉप पर खेल रहा था। जिस बात पर वह अपने कमरे के अंदर चला गया। ट्यूशन टीचर और दादी ने सोचा कि वह गुस्से में कमरे के अंदर गया है, लेकिन फ्लैट की बॉलकनी से कूद गया। तत्काल परिजन गंभीर रूप से घायल छात्र को निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा था। बेटे की मौत पर पहुंची मां बॉस्की ने पति और ससुरालीजनों पर बेटे को प्रताड़ित करने और 9वीं मंजिल से फेंककर हत्या करने का आरोप लगाया था। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की थी। जिसके बाद मामले की जांच एसीपी कर्नलगंज अमित चौरसिया को सौंपी गई थी।
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