पुस्तक महोत्सव में मालिनी अवस्थी का जादू:लखनऊ विश्वविद्यालय में भक्ति और लोक गीतों की शानदार प्रस्तुति
लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव में पद्म श्री मालिनी अवस्थी ने अपनी मधुर प्रस्तुति से श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की। पितृपक्ष की विदाई और नवरात्रि के आगमन से पूर्व महालया की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने ‘माई के भावे लाल चुनरिया’ देवी गीत से अपनी प्रस्तुति आरंभ की। इसके बाद ‘भवानी पट खोलो’ और ‘मैया का मंदिर डगरिया में’ जैसे भक्ति गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीत के माध्यम से स्वदेशी अपनाने के संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अपनाने के संदेश को उन्होंने ‘मत लइहो चुनरिया हमार विदेशी ओह बलमा’ गीत के माध्यम से याद दिलाया। बनारस की प्रसिद्ध गायिका गौहर जान के प्रेम और विरह की कहानी को ‘सेजिया पे लोटे काला नाग हो, कचौड़ी गली सून कैले बलम’ गीत से प्रस्तुत किया। ‘सैया मिले लड़कियां मैं क्या करूं’ गीत ने दर्शकों का विशेष ध्यान खींचा। मालिनी जी के गीतों ने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों और दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि वे झूमने लगे। दर्शकों के उत्साह को देखते हुए मालिनी जी भी मंच से उतरकर उनके साथ शामिल हुईं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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