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वाराणसी में प्रशांत महासागर से आ रही ठंड हवा:विजिबिलिटी पहुंचा 800, शिमला और कुल्लू से कम गया पारा

ला-नीना के प्रभाव से प्रशांत महासागर की सतह के ठंडा होने और हिमालय क्षेत्र में समय से पहले शुरू हुई बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान में बहुत अधिक गिरावट न होने के बावजूद वातावरण में शीतलहर और गलन का असर बना हुआ है। 10 किलोमीटर की रफ्तार से चला हवा मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष पोलर वॉर्टेक्स भी दक्षिण की ओर खिसक गया है, जिससे हवा की दिशा बदलने के बाद भी ठंड से खास राहत नहीं मिल पा रही है। सुबह के समय कोहरे का असर कम रहा और करीब नौ बजे दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई। हालांकि करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली पछुआ हवा के कारण गलन बनी हुई है। शिमला और कुल्लू जैसा रहेगा तापमान काशी का अधिकतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शिमला (19.2 डिग्री) और कुल्लू (20.5 डिग्री) से भी कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः सामान्य से 6.3 और 1.3 डिग्री सेल्सियस कम रहा। 2 दिनों तक रहेगा बादल मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अगले दो दिनों तक सुबह के समय कोहरा और ठिठुरन बनी रहेगी। शाम को भी ठंड रहेगी। उन्होंने बताया कि इस वजह से ठंड बढ़ी है। नगर निगम ने 370 स्थान पर जलाया आलावा शीतलहर को देखते हुए नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल के निर्देश पर नगर निगम द्वारा शहरभर में व्यापक स्तर पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है। शनिवार को कुल 370 स्थानों पर अलाव जलाए गए। यह व्यवस्था शेल्टर होम, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, कचहरी परिसर के साथ ही प्रमुख मार्गों और व्यस्त चौराहों पर की गई है, ताकि रात के समय खुले में रहने वाले और आवागमन करने वाले लोगों को ठंड से राहत मिल सके।


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