कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा बेंगलुरु के एक इलाके से अल्पसंख्यकों को बेदखल करने के लिए बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना पर शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे शहर में झुग्गी-झोपड़ियों के निर्माण की अनुमति नहीं दे सकते और विजयन को अपने राज्य पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
विवाद बढ़ने के बीच कांग्रेस आलाकमान ने कहा कि कर्नाटक सरकार को कहीं अधिक सावधानी, संवेदनशीलता और करुणा दिखानी चाहिए थी।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने फकीर कॉलोनी में बेदखली अभियान का बचाव करते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ यह आवश्यक था। वहीं, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने विजयन को पड़ोसी राज्य के मामलों में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी।
विजयन ने शुक्रवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मुस्लिम आवासीय क्षेत्रों को कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए इस कार्रवाई को ‘‘चौंकाने वाला और पीड़ादायक’’ बताया।
विजयन ने फेसबुक पोस्ट में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट को कथित तौर पर बुलडोजर से गिराए जाने का जिक्र किया, जहां मुस्लिम परिवार कई वर्षों से रह रहे थे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सब एक राजनीतिक बयानबाजी है। तथ्यों को जाने बिना पिनराई (विजयन) को हमारे राज्य के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। ये सब चुनाव के समय की राजनीतिक चालें हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विजयन जैसे वरिष्ठ नेता ने बेंगलुरु में मुद्दों के तथ्यों को जाने बिना इस मामले पर टिप्पणी की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। यह कचरा फेंके जाने की जगह है। यह एक पत्थर की खदान थी। यह बहुत खतरनाक जगह है। यहां स्वास्थ्य संबंधी कई खतरे हैं और उन्होंने (झुग्गीवासियों ने) अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की। यह भूमि हड़पना है। हमारी सरकार और स्थानीय विधायक ने कहा है कि यह बहुत खतरनाक है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार मानवता आधारित दृष्टिकोण अपनाती है और वह पात्र लोगों को नियमों के अनुसार वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराएगी।
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