रविवार को धर्मनगरी चित्रकूट घने कोहरे की चपेट में रही। सुबह से ही कई इलाकों में विजिबिलिटी लगभग शून्य हो गई, जिससे सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी रही और चालकों को हेडलाइट जलाकर सफर करना पड़ा। घने कोहरे के साथ तापमान में भी तेज गिरावट दर्ज की गई है। बढ़ती ठंड के कारण लोग सुबह-शाम अलाव का सहारा लेते दिखे। खुले स्थानों, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर सामान्य दिनों की तुलना में चहल-पहल कम रही। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर बने रहने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए चेतावनी जारी की है। उन्होंने मौजूदा मौसम में फसलों पर सिंचाई न करने की सलाह दी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कोहरे और अत्यधिक नमी के कारण सिंचाई करने से फसलों में रोग लगने का खतरा बढ़ सकता है। गेहूं, चना और सरसों की फसलों पर विशेष निगरानी रखने को कहा गया है। प्रशासन ने वाहन चालकों से सावधानी बरतने की अपील की है। घने कोहरे में अनावश्यक यात्रा से बचने, वाहन धीमी गति से चलाने और फॉग लाइट का उपयोग करने की सलाह दी गई है। फिलहाल इस ठंड और कोहरे से लोगों को राहत मिलने के आसार कम हैं।
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