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कानपुर में डॉक्टरों ने जिंदा मरीज को मरा बताया:​​​​​​​पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस बुला ली, सांसें चलती मिलीं तो बोले- सॉरी सर

कानपुर के हैलट में जूनियर डॉक्टर ने जिंदा मरीज को मरा घोषित कर दिया। उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए पुलिस इनफॉर्मेशन (Pi) स्वरूपनगर थाने भी भेज दी। स्वरूप नगर थाना की पुलिस की सूचना पर गोविंद नगर पुलिस पहुंची। बॉडी को हैलट की मॉर्चुरी में जमा कराना था, लेकिन पुलिस को मरीज जिंदा मिला। मरीज को जिंदा देखकर सब हैरान रह गए। सूचना पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह मौके पर पहुंचे। लापरवाही बरतने वाले तीन जूनियर डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। तब डॉक्टरों ने अपनी गलती मानते हुए कहा- सॉरी सर, आगे से ध्यान रखेंगे।गलती हो गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। बेड नंबर 43 के मरीज की मौत, 42 वाले को मृत घोषित कर दिया
मामला मेडिसिन वार्ड का है। वार्ड नंबर 12 में दो मरीज भर्ती थे। बेड नंबर 42 पर विनोद (42) और बेड नंबर 43 पर 60 साल का लावारिस बुजुर्ग भर्ती था। असल में मौत लावारिस बुजुर्ग की हुई, लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने बेड नंबर 42 पर भर्ती दूसरे मरीज विनोद को मृत घोषित कर दिया। विनोद के परिजन मरीज को अकेला छोड़कर गायब हुए
पुलिस ने विनोद की फाइल पर लिखे नंबर पर फोन किया तो उनके साथी और घरवाले आए। विनोद को जिंदा देखकर सब हैरान रह गए। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया- अस्पताल आए परिजनों से विनोद के पास रहने और उनकी देखभाल करने के लिए कहा गया। आराम मिलने पर घर ले जाने को कहा गया। तब विनोद के परिजनों ने कहा- उसे घर में कहां रखेंगे। यहीं पर रहने दो। थोड़ी ही देर में विनोद के परिवार वाले गायब हो गए। उल्टी, दस्त से हुई लावारिस मरीज की मौत
गोविंद नगर थाना के इंस्पेक्टर रिकेश कुमार सिंह ने बताया कि करीब 5 दिन पहले इलाके में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग बेहोशी की हालत में मिला था। इलाके में पूछताछ के बाद भी बुजुर्ग की पहचान नहीं हो सकी। उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि बुजुर्ग को उल्टी, दस्त की बीमारी थी। शनिवार को लावारिस बुजुर्ग की मौत हुई तो दूसरे को मृत घोषित कर दिया। 48 घंटे में रिपोर्ट देनी होगी
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया- निश्चित रूप से जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। जूनियर डॉक्टर से जवाब तलब किया है। जूनियर डॉक्टर ने अपनी गलती मान ली है कि धोखे में गलत फाइल भर दी। बाद में फाइल दुरुस्त कराकर Pi फिर पुलिस की भेजी गई। मामले की स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्राचार्य ने कमेटी गठित करके जांच के आदेश दिए हैं। जांच उप प्राचार्य रिचा गिरि की अगुवाई में होगी। 48 घंटे में कमेटी रिपोर्ट देगी। —————– ये खबर भी पढ़िए- पहली पत्नी की हत्या में जेल…दूसरी को मार डाला: कानपुर में फ्लैट में लाश बंद करके भागा, 4 महीने की गर्भवती थी पहली पत्नी की हत्या के आरोप में जेल से छूटने के बाद युवक ने दूसरी पत्नी को भी मार दिया। घर की पहली मंजिल पर उसका खून से लथपथ शव मिला। पास में ही खून से सना तवा-बेलन पड़ा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए। महिला के भाई की शिकायत पर आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना के बाद से पति और उसकी मां फरार हैं। पढ़ें पूरी खबर…


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