गाजीपुर जिले के गहमर थाना क्षेत्र में हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में तीसरे युवक अंकित का चौथे दिन भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। 24 दिसंबर की रात जन्मदिन पार्टी से लौटते समय तीन युवकों पर धारदार हथियार से हमला कर उनकी लाशें काटकट पोखरी में फेंक दी गई थीं। घटना के बाद दो शव तो बरामद हो गए, लेकिन अंकित अब तक लापता है। अंकित की बरामदगी को लेकर परिजन गहमर थाने में करीब 5 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। उन्होंने एसडीआरएफ लगाकर अंकित की तलाश कराने की मांग की। परिजनों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द खोजबीन शुरू नहीं हुई तो वे चक्का जाम करेंगे। अंकित की मां समेत परिवार और गांव की महिलाओं के थाने पहुंचते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जमानिया के एसडीएम अनिल कुमार स्वयं गहमर कोतवाली पहुंचे और पीड़ित परिजनों से बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अंकित को जल्द बरामद कर लिया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी। प्रशासन ने बताया कि इस मामले में एक आरोपी का एनकाउंटर हो चुका है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया गया है, जो उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक छापेमारी कर रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में कोई भी अपराधी नहीं बचेगा और परिवार को न्याय मिलेगा। घटना के बाद मौके पर गहमर पुलिस के साथ गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा, एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर और भारी पुलिस बल पहुंचा था। बाद में वाराणसी डीआईजी वैभव कृष्ण ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। लापरवाही के आरोप में गहमर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया, वहीं सैदपुर के तत्कालीन कोतवाल शैलेश मिश्रा समेत दो अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। एसपी डॉ. ईरज राजा ने कहा कि यदि थाने में मिली शुरुआती शिकायत पर समय रहते सख्त कार्रवाई होती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। इसी लापरवाही के चलते पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
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