औरैया जिले में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की सालाना छठी शरीफ मनाई गई। यह आयोजन हजरत बाबा शाहजमल शाह की दरगाह पर हुआ, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग एकत्र हुए। कार्यक्रम की शुरुआत कुरान खानी, नात शरीफ और तकरीर से हुई। उपस्थित मुस्लिम समाज ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। हाफिज अल्तमश चिश्ती ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स हजरत बाबा शाहजमल शाह की आस्ताना पर आयोजित किया गया। उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला, जिन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की तथा इस्लाम का परचम बुलंद किया। मुस्लिम समाज ने गरीब नवाज को याद करते हुए फातिहा पढ़ी और लंगर का आयोजन किया। कार्यक्रम के अंत में मुल्क में अमन-ओ-चैन, भाईचारा और खुशहाली की कामना करते हुए दुआएं मांगी गईं। सभी ने हाथ उठाकर देश और समाज के लिए रहमत और बरकत की प्रार्थना की। यह आयोजन स्थानीय मुस्लिम समाज की एकता और सूफी परंपराओं का प्रतीक बना। ख्वाजा गरीब नवाज की अजमेर शरीफ दरगाह की तरह, स्थानीय दरगाहें भी सूफी संतों की शिक्षाओं को जीवित रखने का माध्यम हैं। इस अवसर पर हाजी अब्दुल शकूर, हाफिज अल्तमश चिश्ती, हाफिज गुलजार, हाफिज शोएब चिश्ती, हाफिज शान मोहम्मद, मौलाना मुर्शिद अहमद, बिलाल मस्जिद के खादिम, अजीम, रईस कादरी, अब्दुल सलाम, हाफिज पेंटर, फिरोज फारुकी, समीम मंसूरी, समीम कादरी, नदीम कादरी, जाहिद अख्तर, चांद बाबू, रिजवान बरसी, जमील वारसी, शाहिद अख्तर सहित सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
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