देवरिया में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने निरीक्षण के दौरान एक दिव्यांग व्यक्ति की टूटी व्हीलचेयर देखकर तत्काल नई व्हीलचेयर उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कुछ ही मिनटों में दिव्यांग को नई व्हीलचेयर मिल गई, जिससे उसके चेहरे पर खुशी लौट आई। यह घटना जिला प्रशासन की संवेदनशीलता का उदाहरण बनी।यह वाकया रविवार को हनुमान मंदिर परिसर में हुआ। जिलाधिकारी छठ पर्व की तैयारियों और मंदिर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण कर रही थीं। इसी दौरान उनकी नजर मंदिर के गेट पर बैठे एक दिव्यांग व्यक्ति पर पड़ी, जिसकी व्हीलचेयर पुरानी और टूटी हुई थी।डीएम दिव्या मित्तल तुरंत रुक गईं और स्वयं दिव्यांग व्यक्ति के पास पहुंचीं। उन्होंने उससे बातचीत की और उसकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। तत्काल उन्होंने दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी को मौके पर बुलाया और निर्देश दिया कि उसे तुरंत नई व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाए। प्रशासनिक मशीनरी ने डीएम के आदेश पर त्वरित कार्रवाई की।कुछ ही समय में नई व्हीलचेयर दिव्यांग व्यक्ति तक पहुंचा दी गई। नई व्हीलचेयर मिलने पर उसकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उसने जिलाधिकारी को धन्यवाद देते हुए कहा कि “अब मंदिर आने-जाने में आसानी होगी।”मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी की इस संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि प्रशासन समाज के जरूरतमंदों के लिए संवेदना और सहानुभूति का प्रतीक भी है। डीएम ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले के सभी दिव्यांग व्यक्तियों की समस्याओं की पहचान कर उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा, “प्रशासन तभी सार्थक है, जब उसकी नीतियों और कार्यों का लाभ सबसे कमजोर व्यक्ति तक पहुंचे। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी डीएम दिव्या मित्तल की इस मानवीय पहल की चर्चा रही। लोगों ने इसे “संवेदनशील प्रशासन का चेहरा” बताया और जिले में सकारात्मक प्रशासनिक बदलाव की सराहना की।
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