क्राइम ब्रांच ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठगों के गैंग का राजफाश करते हुए साइबर ठगी गैंग के सरगना समेत 8 ठगों को गिरफ्तार किया है। गैंग के ठग पुराना कानपुर सेंट्रल स्टेशन रोड, लोको कालोनी क्षेत्र में एक कार में बैठकर साइबर अपराध से संबंधित गतिविधियां का प्लान बना रहे थे। पुलिस को जानकारी मिलने पर टीम ने घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि इस गैंग का लीडर फतेहपुर का रहने वाला शिवम पटेल है, जिसके इंडोनेशिया में बात करने के वीडियो भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि डा. प्रवीण सारस्वत ने 5.70 करोड़ की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आए आरोपियों के बैंक खातों में 55.44 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं। इस तरह से देते थे वारदात को अंजाम शेयर मार्केट एवं आइपीओ में ज्यादा मुनाफे दिलाने का झांसा देकर साइबर ठग क्रिमिनल्स ने पीड़ित को “ लांच क्लब एच-49” नामक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, जिसमें शेयर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स और विश्लेषण शेयर किए जाते थे। ग्रुप में शामिल लोग खुद को सेबी से रजिस्टर्ड कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए निवेश के लिए कहते थे। साइबर ठगों के भेजे गए लिंक के माध्यम से एक फर्जी ट्रेडिंग एप “वेंच्यूरा ग्लोबल” डाउनलोड कराया जाता था, जिसमें एप पर मुनाफा दिखाकर व कुछ रकम निकलवा कर विश्वास जीत लिया जाता था इसके बाद ग्रुप के सदस्य ज्यादा से ज्यादा निवेश करने का दबाव बनाते है। जिसके बाद पीड़ित से अपने बैंक खातों से अलग-अलग तारीख में करोड़ों रुपये निवेश करा दिए। शहर के डाक्टरों के साथ इसी पैटर्न पर निवेश कराया गया। आरोपियों ने यह कहकर भय पैदा किया कि एक कथित व्यक्ति की इनसाइडर ट्रेडिंग में गिरफ्तारी हुई है। सभी खातों पर 20 प्रतिशत का जुर्माना लगाया गया है। खाते अनफ्रीज कराने के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई। जिसके बाद डाक्टरों को अपने साथ हुई ठगी का पता चला। इस पर डाक्टर प्रवीण सारस्वत,डा.राजीव रंजन और डा. कीर्ति निधि ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम सलमान, अश्विनी, शिवकुमांर उर्फ शिवाय, निखिल वर्मा, अभय मिश्रा, योगेंद्र सिंह, आलोक कुमार गुप्ता, शिवम पटेल बताया है। बताया कि साइबर ठग ठगी सारी रकम म्यूल अकाउंट में मंगाते थे। बाइनेंस एप का प्रयोग करके इस धनराशि को यूएस डालर में बदला जाता था। यू-होम चाइनीज एप का प्रयोग करके करके यूएस डालर को कहीं से कहीं भेज सकते हैं। इस मामले में रकम इंडोनेशिया की करेंसी में बदलकर वहीं भेज दी गई थी। ठगी के मास्टरमाइंड शिवम पटेल के इंडोनेशिया में बात करते हुए वीडियो भी क्राइम ब्रांच को मिले हैं। मामले का खुलासा करने पर क्राइम ब्रांच की टीम की जांच म्यूल अकाउंट तक जाकर रुक जाती थी। इसके बाद भी टीम ने हार नहीं मानी और लगातार लगी रही। शिवम के गैंग का सुराग लगा और उनकी धरपकड़ कर ली। साइबर ठगों से ये हुआ बरामद साइबर ठगों से 13 मोबाइल फोन, सिमकार्ड, डिजिटल दस्तावेज, बैंकिंग विवरण, डेबिट कार्ड, क्यूआर कोड, क्रिप्टो करेंसी वालेट विवरण, टेलीग्राम और वाट्सएप चैट, यूएसडीटी ट्रांजेक्शन रिकार्ड आदि बरामद हुए है। डिजिटल साक्ष्य की जांच में ये तथ्य सामने आया कि आरोपित संगठित रूप से शेयर मार्केट और आइपीओ में निवेश के नाम पर लोगों को वाट्सएप एवं टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर, फर्जी ट्रेडिंग एप व फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से विश्वास में लेते थे। शुरू में लाभ दिखाकर पीड़ितों को निवेश हेतु प्रेरित किया जाता था। बाद में भय एवं दबाव बनाकर बड़ी धनराशि की ठगी की जाती थी।
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