जेपी गंगा पथ फेज टू के निर्माण कार्य का टेंडर सितंबर में ही फाइनल हो गया। दिसंबर में निर्माण कंपनी को काम की शुरुआत करनी थी। लेकिन, कंपनी ने अबतक उसके पहले की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की है। लिहाजा, निर्माण की शुरुआत से पहले ही प्रोजेक्ट एक साल लेट होना तय हो गया है। अब अगले साल बरसात बाद ही काम शुरू हो सकेगा। निर्माण कार्य चार साल में पूरा करना था। बिहार राज्य पथ विकास निगम के इंजीनियरों के मुताबिक, दीघा से कोईलवर तक 35.65 किमी एलिवेटेड सह एट ग्रेट फोरलेन रोड के निर्माण के लिए सितंबर में विश्व समुद्र कंपनी का चयन किया गया। इस दौरान कंपनी को फाइनेंशियल क्लोजर (पैसे का इंतजाम, किस बैंक से लोन लिया सहित अन्य वित्तीय जानकारी) और डिजाइन जल्द जमा करने के साथ ही मशीन और सामग्री का मोबिलाइजेशन करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, कंपनी ने अबतक एक भी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। इस संबंध में पूछने पर कंपनी के अधिकारियों ने कहा-टेंडर के शर्तों में तैयारी के लिए छह महीने का समय है। मार्च तक फाइनेंशियल क्लोजर जमा करना है। इसके बाद डिजाइन सहित अन्य कागजी कार्रवाई करनी है। बरसात में काम करना संभव नहीं यदि निर्माण कंपनी मार्च में पथ निर्माण विभाग को फाइनेंशियल क्लोजर सौंपती है तो उसके पास महज दो महीने का समय बचेगा। अप्रैल और मई में डिजाइन फाइनल करने सहित अन्य कागजी प्रक्रिया पूरी होगी। बिहार में मानसून 10 से 15 जून के आसपास आता है। ऐसे में गंगा उफान पर होती है। दीघा से शेरपुर तक एलिवेटेड रोड का निर्माण करना है। इसके कुछ पिलर गंगा के अंदर और कुछ पिलर पानी के बाहर होंगे। ऐसे में बारिश के दौरान काम करना संभव नहीं है। क्या होगा फायदा : इस सड़क के बनने से लोग पटना से बक्सर की यात्रा 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कर सकेंगे। बक्सर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होते दिल्ली आना-जाना आसान होगा। यहां से उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में जाने में समय की बचत होगी। पटना से यूपी के बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर आदि इलाके में आने-जाने में समय कम लगेगा। 18 किमी एलिवेटेड रोड होगा दीघा से शेरपुर तक 18 किमी फोरलेन एलिवेटेड रोड का निर्माण होगा। वहीं, शेरपुर से कोईलवर तक 17.65 किमी कोईलवर-मनेर बांध से होकर फोरलेन सड़क जाएगी। इसकी कुल लंबाई 35.65 किमी है। परियोजना की 60 प्रतिशत राशि एजेंसी करेगी खर्च अधिकारियों के मुताबिक यह काम हम मॉडल पर हो रहा है। यह प्रोजेक्ट 5500 करोड़ का है। सरकार द्वारा काम के दौरान 40 प्रतिशत यानी 2200 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। 60 प्रतिशत यानी 3300 करोड़ की राशि कंपनी को खर्च करनी है। निर्माण कार्य 4 साल में पूरा होगा। 15 वर्ष तक एजेंसी ही रखरखाव करेगी। राज्य सरकार अगले 15 साल में मेंटेनेंस खर्च और प्रोजेक्ट के निर्माण में लगी 60 प्रतिशत राशि को ब्याज के साथ प्रत्येक छमाही में वापस करेगी। भास्कर एक्सपर्ट – विजयशील कश्यप, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, ग्रामीण कार्य विभाग और नगर विकास विभाग बिहार में एजेंसी को प्रारंभिक काम करने का आइडियल समय अक्टूबर-नवंबर से मई-जून तक है। खासकर गंगा समेत अन्य नदियों के किनारे काम करने में सबसे अधिक परेशानी होती है। कारण, मानसून की बारिश के साथ बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। इस कारण जेपी गंगा पथ के एलिवेटेड का काम करने में परेशानी होगी। एट ग्रेट काम कुछ हो सकती है। यदि मिट्टी भरने का काम होगा तो वह भी संभव नहीं हो सकेगा।
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