फैसला सुनाते हुए जस्टिस अनूप चितकारा और सुखविंदर कौर की पीठ ने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों, विशेषकर माताओं को अक्सर अपने “अनमोल” बेटों के प्रति इतना अंधा प्यार होता है कि, चाहे वे कितने भी अपूर्ण या खलनायक क्यों न हों, उन्हें अभी भी ‘राजा बेटा’ माना जाता है.
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