भागलपुर जिले के सन्हौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। एक आशा कार्यकर्ता पर डिलीवरी के लिए एक मरीज के पति से 3,000 रुपये मांगने और पैसे न देने पर मायागंज रेफर करने की धमकी देने का आरोप लगा है। भंडारीडी गांव निवासी नीलम देवी के पति ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी की डिलीवरी के लिए आशा कार्यकर्ता ने उनसे यह राशि मांगी। उन्होंने यह भी बताया कि उनसे ही नहीं, बल्कि अन्य मरीजों से भी 30 रुपये लिए गए। इस घटना के बाद स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। रामसी गांव निवासी पंचानंद के अनुसार, उस दिन लगभग 40 प्रतिशत ऑपरेशन किए गए थे और सभी मरीजों से इसी तरह की राशि वसूली गई। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सुबह होने पर मामले की जांच की जाएगी। गौरतलब है कि सन्हौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहले भी कई बार विवादों में रह चुका है। इस ताजा मामले की सूचना भागलपुर के सिविल सर्जन और सन्हौला के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को दी गई है। बीडीओ कन्हैया कुमार ने बताया कि वह अभी छुट्टी पर हैं और वापस आने पर मामले को देखेंगे। लोजपा जिलाध्यक्ष सुबोध पासवान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और जिला पदाधिकारी से बात करने की बात कही है। स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पूर्व में भी ऐसे मामलों में केवल खानापूर्ति होने के कारण इस बार भी प्रभावी कार्रवाई पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
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