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यूपी में साढ़े 13 लाख गौवंश संरक्षित:पशुधन मंत्री बोले- भरण-पोषण पर प्रतिदिन लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे

फर्रुखाबाद जनपद के कायमगंज में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को भाजपा नेता अशोक वर्मा के प्रतिष्ठान पर एक प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर निशाना साधते हुए गौवंश के संरक्षण और भरण-पोषण पर योगी सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि सपा शासनकाल में गौवंश के भरण-पोषण पर प्रतिदिन मात्र 30 रुपये खर्च होते थे, जिसे योगी सरकार ने बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की विभिन्न गौशालाओं में साढ़े तेरह लाख से अधिक गौवंश संरक्षित हैं, जिनके भरण-पोषण पर प्रतिदिन लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मंत्री ने अपने बयान में कहा, “पहले कसाई को देखकर गाय कांपती थी। योगी सरकार में अब गाय को देखकर कसाई कांपता है।” उन्होंने यह भी बताया कि सर्दी के मौसम को देखते हुए चीनी मिल परिसर में जिला पशु चिकित्सा अधिकारी, उपजिलाधिकारी, सीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई है। बैठक में सभी अधिकारियों को मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, पौष्टिक आहार और पर्याप्त चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया। धर्मपाल सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में पशुपालन की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने खेती और पशुपालन को एक-दूसरे का पूरक बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पशुधन विभाग का बड़ा योगदान होगा। मंत्री ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई किसान दूसरे प्रदेश से उत्तम नस्ल की दो गाय लाता है तो उसे एक गाय पर 40 हजार और दो गायों पर 80 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार, 25 गायों की गौशाला बनाने पर 64 लाख रुपए की कुल लागत में से 32 लाख रुपए का अनुदान सरकार दे रही है। इसके अतिरिक्त, बकरी, भेड़, मुर्गी और सूअर पालन के लिए भी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में रोजाना तीन करोड़ अंडों की खपत के मुकाबले उत्पादन मात्र एक करोड़ था, लेकिन योगी सरकार में मुर्गी फार्मों की क्षमता बढ़ाकर अब अंडों की पूर्ति प्रदेश में ही की जा रही है। इससे हरियाणा और पंजाब पर निर्भरता खत्म हो गई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बकरी का दूध 400 रुपए प्रति लीटर तक बिका। बकरी पालन के लिए 10 बकरी और एक बकरा पर 1.70 लाख रुपये की योजना है, जिसमें 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। पशुपालक को केवल 17 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं और अच्छा लाभ मिलता है। सपा सरकार पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि उस समय गौ संरक्षण की प्राथमिकता किसान नहीं, कसाई थे। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो कसाई को देखकर गाय कांपती थी, आज योगी मुख्यमंत्री हैं तो गाय को देखकर कसाई कांपता है। फर्रुखाबाद की पराग डेयरी की दुर्दशा पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा चार फैक्ट्रियां कन्नौज, कानपुर, अंबेडकरनगर और गोरखपुर में संचालित हैं। उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में देश में नंबर वन है और आगे भी रहेगा। जिले में पशु चिकित्सा अधिकारियों की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि इस विषय पर बैठक हो चुकी है और समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा।


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