सीएसए परिसर में आयोजित अपने-अपने राम कथा का दूसरा दिन आस्था और संस्कृति का अनोखा उदाहरण बन गया। कथा पंडाल में चाय, डिजाइनर समोसा, पापड़ी चाट से लेकर वेज कवाब तक की बिक्री की जा रही है। वहीं कथा के दूसरे दिन भी आम जनमानस के लिए खुले आसमान के नीचे पड़ी कुर्सियां खाली रही। VIP और VVIP दीर्घा फुल रही। रामकथा वाचक डॉ. कुमार विश्वास ने कथा मे श्री राम की जीवनी बताकर माहौल को भावपूर्ण बना दिया। राम कथा के साथ-साथ डॉ. कुमार विश्वास ने मंच से पर्यावरण संरक्षण और गंगा को स्वच्छ रखने का भी संदेश दिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित हजारों भक्तों ने प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि जब संस्कार मजबूत होते हैं तभी समाज सशक्त बनता है। बताते चलें कि यह कथा रविवार तक चलेगी। रामकथा जीवन को सही दिशा देने वाली कुमार विश्वास ने कहा कि राम कथा केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाली आध्यात्मिक शक्ति है। यह संस्कृति, सदियों से भाईचारा और एकता का संदेश देती आई है। कथा के दौरान उन्होंने लव कुश के चित्रों को उदाहरण बनाकर त्याग ,अनुशासन और कर्तव्य निष्ठा जैसे मूल्यों को जीवन में अपने की प्रेरणा दी। देश और संस्कृति की रक्षा का लिया संकल्प राम कथा का मुख्य आकर्षक सांस्कृतिक संकल्प समारोह रहा, जिसमें श्रद्धालुओं ने देश समाज और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया। लोगों ने मानवीय मूल्य के पालन को सामाजिक सौहार्द बनाएं रखने का वचन दिया। कथा में चाय से लेकर वेज कवाब तक की बिक्री पंडाल परिसर में चाय ,समोसा, कोल्ड कॉफी, हरियाली कवाब, पनीर टिक्का पिज्जा, इडली सांभर समेत बड़ा पाव तक बिक्री के लिए रखे गए है। यहां चाय 30 रुपए, डिजाइनर समोसा 40 रुपए हरियाली कवाब 100 रुपए और पनीर टिक्का पिज्जा की कीमत 160 रुपए रखी गई है।
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