झांसी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के दो पूर्व सांसदों ने सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और रेलवे के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। नेताओं ने झांसी रेलवे स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग को तोड़े जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार एक हेरिटेज भवन का व्यवसायीकरण करने की तैयारी कर रही है। पूर्व सांसदों ने कहा कि झांसी स्टेशन की इमारत ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे तोड़ना उचित नहीं है। उनका आरोप है कि स्टेशन की जमीन और भवन को बेचने की मंशा से इसे गिराने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार को भव्य और आधुनिक स्टेशन बनाना ही है, तो इसके लिए किसी अन्य स्थान पर नया स्टेशन विकसित किया जा सकता है। नेताओं ने कहा कि वे झांसी स्टेशन की हेरिटेज बिल्डिंग को तोड़े जाने का विरोध करते हैं और इस फैसले के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर समर्थन जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। देखिए 3 तस्वीरें… 130 साल पुराने झांसी स्टेशन को तोड़ने का विरोध
झांसी का वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन 130 साल से अधिक पुराना है। यह स्टेशन देश की प्रमुख हेरिटेज रेलवे इमारतों में शामिल है, लेकिन अब रेलवे इस ऐतिहासिक इमारत की जगह नई बिल्डिंग बनाने की तैयारी कर रहा है। स्टेशन के पुनर्विकास का मास्टर प्लान सामने आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य और समाजवादी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव इसके विरोध में खड़े हो गए हैं। शनिवार को दोनों नेताओं ने बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा सहित अन्य सामाजिक संगठनों के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेलवे के इस फैसले पर आपत्ति जताई। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि झांसी स्टेशन भारत की हेरिटेज बिल्डिंग्स में से एक है और इसे तोड़ना अपनी ऐतिहासिक विरासत को मिटाने जैसा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को जिस तरह आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया, उसमें भोपाल स्टेशन की पुरानी इमारत को नहीं तोड़ा गया। उसी तर्ज पर झांसी स्टेशन की हेरिटेज बिल्डिंग को सुरक्षित रखते हुए आसपास के अन्य क्षेत्रों या स्टेशनों को विकसित किया जा सकता है। इसके बावजूद रेलवे अपनी धरोहर को समाप्त कर नई इमारत खड़ी करने जा रहा है। उन्होंने रेलवे द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान को मीडिया के सामने रखते हुए कई आपत्तियां दर्ज कराईं। प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि मौजूदा नक्शे के अनुसार स्टेशन क्षेत्र में यातायात जाम की स्थिति पैदा होगी। साथ ही एक ही दिशा से स्टेशन की एंट्री और एग्जिट रखने के प्रस्ताव पर भी नाराजगी जताई। नई बिल्डिंग को व्यापार का गढ़ बनाने का आरोप प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य और डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने आरोप लगाया कि नए स्टेशन के नक्शे में बड़े पैमाने पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और व्यवसायिक एरिया प्रस्तावित किए गए हैं। नेताओं ने कहा कि रेलवे और सरकार का उद्देश्य स्टेशन की हेरिटेज पहचान को खत्म कर नई इमारत को व्यापारिक उपयोग के लिए तैयार करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे इस प्रोजेक्ट का विरोध करते हैं और रेलवे व केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि झांसी स्टेशन की हेरिटेज बिल्डिंग के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।
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