लखनऊ KGMU में लव जिहाद का मामला तूल पकड़े हुए है। सामाजिक संगठन और आमजन KGMU के खिलाफ नारेबाजी करने लगे हैं। शनिवार शाम कई अस्पतालों के चिकित्सक, मेडिकल छात्र, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ताओं और एसिड सर्वाइवर ने कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान लोगों ने बलात्कारियों को फांसी दो, KGMU प्रशासन होश में आओ जैसी नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि KGMU की विशाखा कमेटी (आंतरिक मामलों की जांच करने वाली कमेटी) भरोसे लायक नहीं है। मालूम हो कि KGMU में रेजिडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन के खिलाफ लव जिहाद और कट्टरपंथी का आरोप लगा है। हालांकि, KGMU प्रशासन मामले की जांच करवा रहा है। कैंडल मार्च की 3 तस्वीरें… ‘KGMU में लव जिहाद शर्मनाक’ कैंडल प्रदर्शन में शामिल डॉक्टर अभिषेक पांडे ने कहा कि KGMU में लव जिहाद की खबर सबके सामने है। यह घटना संज्ञान में आने के बाद भी KGMU में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था मगर उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हम लोग KGMU प्रशासन को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आरोपी डॉक्टर रमीज के खिलाफ कार्रवाई हो और पीड़िता को न्याय मिले। KGMU जैसे मेडिकल संस्थान में लव जिहाद जैसी शर्मनाक घटना सामने आई है जिससे हम सभी डॉक्टर बेहद नाराज हैं। विशाखा में शामिल लोग लव जिहाद के समर्थक डॉक्टर अभिषेक ने कहा- हम लोगों को बताया गया था कि एक कमेटी गठित की जा रही है मगर अभी तक उसकी कमेटी ने कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की। यह बिल्कुल स्पष्ट हो रहा है कि सिर्फ खानापूर्ति के लिए यह कमेटी गठित की गई है। एक महिला डॉक्टर के खिलाफ ऐसी चीज हो रही है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। जो विशाखा कमेटी बनाई है वह लाचार है। उसमें लव जिहाद का समर्थन करने वाले लोग शामिल हैं। ऐसी कमेटी बनाई जाए जिसमें पुलिस प्रशासन से जुड़े हुए लोग, डॉक्टर, अधिवक्ता और महिला चिकित्सक शामिल हों। इस कमेटी को भंग किया जाए। इस पर हम लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। ‘पीड़िता के सहयोगियों को डराया गया’ प्रदर्शन में शामिल डॉक्टर ताविषि मिश्रा ने कहा कि यह प्रदर्शन हम लोग एक डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए कर रहे हैं। इस पूरी घटना में KGMU प्रशासन की लापरवाही सीधे तौर पर उजागर हो रही है जो अब तक उसे पीड़िता को न्याय नहीं दे सका। एक महिला के लिए कमेटी गठित की गई और उस कमेटी में किसी महिला का ना होना ही KGMU की लापरवाही को दर्शाता है। पीड़िता के जो बैचमेट मेडिकल छात्रा है उनको इतना डरा दिया गया कि वह हमारे साथ प्रदर्शन में नहीं आ रहे हैं। ‘इंसानियत के लिए सबको आगे आना चाहिए’ ताविषि ने कहा कि पीजी छात्रों को फेल करने का दबाव बनाया गया है कि वह कोई भी आवाज नहीं उठा रहे हैं, ना कुछ बता रहे हैं। बहुत सारी चीज सामने नहीं निकल कर नहीं आ रही है मगर अंदरूनी जो दबाव है छात्र उसे महसूस कर रहे हैं। यह घटना किसी भी नागरिक के साथ हो सकती थी। यहां सिर्फ डॉक्टर की बात नहीं है बल्कि इंसानियत और न्याय की बात है। आज समाज के विभिन्न वर्ग और संगठन के लोग हमारे साथ खड़े हैं और हम पीड़िता को न्याय जरूर दिलाएंगे।
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