आजमगढ़ महोत्सव 2025 के अवसर पर मिलेट्स पुनरुद्धार योजना (राज्य सेक्टर) 2025-26 के तहत मिलेट्स रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि जिले में मिलेट्स (श्री अन्न) की खेती तो होती है, लेकिन प्रोसेसिंग यूनिट की कमी के कारण किसानों को इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता। डीएम ने बताया कि सामान्य रूप से श्री अन्न के सात प्रकार होते हैं, जिनकी औसत कीमत खेत से निकलने के बाद करीब 30 रुपए प्रति किलो तक होती है। जबकि यदि इनकी प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग की जाए तो दिल्ली जैसे बड़े शहरों में छोटे पैकेट 100 से 200 रुपए प्रति पाव तक बिकते हैं। कई जगह तो एक पाव की कीमत 200 रुपए तक भी पहुंच जाती है। इससे कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है। सलाह, सुझाव और मोटिवेशन पर जोर जिलाधिकारी ने कहा कि इसी अंतर को कम करने के लिए सलाह, सुझाव और मोटिवेशन से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जब किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होंगी, तो किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। अच्छे दाम मिलने से खेती का रकबा भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कई संपन्न लोग स्वास्थ्य कारणों से गेहूं और चावल छोड़कर मिलेट्स को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं। वे मिलेट्स की रोटी और चावल का सेवन कर रहे हैं। ऐसे में जब उत्पादन बढ़ेगा, तो मांग भी पूरी होगी, लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा और किसानों को भी अधिक लाभ मिलेगा। पैदावार बढ़ेगी तो प्रोसेसिंग यूनिट लगेंगी मिलेट्स पुनरुद्धार योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में मौजूद किसानों और एफपीओ के माध्यम से क्षेत्र में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पैदावार बढ़ने से प्रोसेसिंग यूनिट लगेंगी और प्रोसेसिंग के बाद जब मिलेट्स बाजार में आएगा, तो किसानों को इसका बेहतर मूल्य मिलेगा। डीएम ने जनपद के किसानों और एफपीओ से अपील करते हुए कहा कि आजमगढ़ कृषि प्रधान जिला है, जहां धान, गेहूं और गन्ना प्रमुख फसलें हैं। यदि मिलेट्स का क्षेत्र बढ़ता है, तो उत्पादकता लगभग समान रहेगी, लेकिन श्री अन्न की कीमत अधिक मिलेगी। प्रोसेसिंग के बाद बाजार में आने पर किसानों को कई तरह के फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि मिलेट्स की खेती और प्रोसेसिंग से जुड़ी कई तकनीकों की जानकारी कृषि महाविद्यालय कोटवा के विशेषज्ञों और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को दी जा चुकी है। लोन में दिक्कत हो तो सीधे करें संपर्क जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की आवश्यकता है, इसके लिए एफपीओ को आगे आना चाहिए। यदि प्रोसेसिंग यूनिट के लिए लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी आती है, तो किसान और उद्यमी जनता दर्शन में सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि आशीष कुमार, सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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