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लखनऊ जेल में बंद युवक की मौत:बहन बोली- पुलिस ने गिराकर सीने पर लातें मारीं, हालत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचाया

चोरी के आरोप में लखनऊ जेल में बंद एक युवक की मौत हो गई। उसे पुलिस ने बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया था। बाद में परिजन को फोन कर सूचना दी कि जल्दी अस्पताल पहुंचो। वहां पहुंचे परिजन को युवक की डेडबॉडी मिली। इस पर उसकी बहन ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे बहुत मारा-पीटा था। गिराकर सीने पर लातें मारीं। जब उसकी हालत बिगड़ी तब अस्पताल पहुंचाया। मृतक की पहचान सीतापुर के मिथुन कुमार (28) पुत्र चंद्रिका प्रसाद के रूप में हुई। वह आशियाना थाना क्षेत्र में हुई एक चोरी के मामले में आरोपी था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 26 दिसंबर को घरवाले जेल में मिलने गए थे। तब उसने बताया था कि चौकी में बहुत पिटाई की गई। पुलिस ने सीने पर लातों से कुचला था। बहुत दर्द हो रहा है। इलाज नहीं करवाया जा रहा है। लाइटिंग का काम करता था युवक युवक मिथुन अपनी पत्नी नैना देवी और दो बच्चों के साथ आशियाना के रश्मिखंड, बंगला बाजार में किराये के मकान में रहता था। इलाके में लाइटिंग का काम करके गुजर-बसर कर रहा था। रतनखंड में अनिल सिंह के मकान में लाइटिंग का चल रहा था। उसी दरम्यान 29 नवंबर को अनिल के घर में चोरी हो गई। उसकी शिकायत अज्ञात के खिलाफ थाने में लिखवाई गई। मामले में पुलिस ने आरोपियों शाहरुख और अब्दुल को पकड़ा। उन दोनों की निशानदेही पर मिथुन को 16 दिसंबर को अनिल सिंह के घर से गिरफ्तार किया। वह उस समय भी अपना काम कर रहा था। पुलिस ने उसे हिरासत में जेल भेज दिया। इसके बाद परिजन उससे मिलने 26 दिसंबर को गए थे तो उसने पूरी आपबीती उन्हें सुनाई थी। पुलिस परिवार को गुमराह करती रही बड़ी बहन मनोरमा ने बताया कि 16 दिसंबर को सुबह 9 बजे मिथुन काम पर निकला। उसके बाद उससे संपर्क किया गया लेकिन कुछ पता नहीं चला। रात करीब 8 बजे उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद आसपास तलाश करने पर जानकारी नहीं मिली। आशियाना थाने जाकर पूछा तो वहां से भी कुछ नहीं बताया। तीन दिन तलाश करने के बाद कुछ पता नहीं चला तो परिवार ने डायल-112 पर फोन किया। उसके बाद थाने से बताया गया कि पुलिस ने भाई मिथुन और उसके साथ काम करने वाले नाबालिग को पकड़ा है। चौकी में ले जाकर बेहरमी से पीटा 19 दिसंबर को मिथुन के थाने में होने की जानकारी मिली। उसके बाद पुलिस ने चोरी के आरोप में जेल भेज दिया। भाई मिथुन के साथ वाले नाबालिग को छोड़ दिया। पुलिस दोनों को आशियाना से पकड़ने के बाद चौकी लेकर गई। वहां डंडे और बेल्टों से बेहरमी से पीटा। उसके सीने पर चढ़कर लातें मारीं जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद तीन दिन तक थाने में रखा। इलाज कराने के बजाय जेल भेजा। वहां उसकी कंडीशन खराब हो गई। जेल में बोला- बिना इलाज के मार देंगे जेल जाने के बाद 21 दिसंबर को भाई मनोज और प्रमोद मिलने गए। वहां उसने घटना बताई और अपनी स्थिति बताई। इसके बाद परिवार जल्द अच्छा इलाज कराने का आश्वासन देकर आ गया। 26 दिसंबर को 12 बजे परिवार फिर जेल पहुंचा तो मिथुन बोलने लगा कोई इलाज नहीं मिल रहा है। पिटाई के कारण सीने में दर्द है, यहां पर मर जाएंगे। फिर भाई प्रमोद वकील से मिलने जेल से निकल गए। शाम को 5:30 बजे जेल से कॉल आया कि मिथुन की तबीयत बिगड़ गई है। बलरामपुर अस्पताल पहुंचो। परिवार वहां पहुंचा तो मिथुन सांस नहीं ले पा रहा था। वीडियो और फोटो करने पर मोबाइल छीना बहन का कहना है कि उसकी हालत देखकर हम लोग मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो पुलिस ने मोबाइल छीन लिया। इसके बाद रात करीब 9 बजे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद से पुलिस लगातार दबाव बना रही है। मोबाइल में चोट की फोटो खींचने पर भी बदसलूकी करने लगी। ———————– ये खबर भी पढ़िए… गैंगस्टर विनय की मौत, बदमाशों ने 3 गोली मारी थी:हरिद्वार में पुलिस कस्टडी में किया था हमला, बहन बोली- 750 करोड़ का राज दबा एम्स ऋषिकेश में भर्ती कुख्यात विनय त्यागी की इलाज के दौरान आज सुबह मौत हो गई। ट्रॉमा सेंटर में उसका इलाज चल रहा था। एम्स प्रशासन ने शनिवार सुबह करीब 7 बजे विनय त्यागी को मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की पुष्टि एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. श्रीलाय मोहंती ने की है। (पूरी खबर पढ़िए)


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