केरल CM पिनाराई विजयन ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की तुलना RSS से की है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा- कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बेंगलुरु की एक कॉलोनी में सालों से रह रहे मुस्लिम परिवारों को बेदखल करके बुलडोजर ‘राज की नीति’ अपनाई है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि संघ परिवार की अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति अब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार भी अपना रही है। इस पर कर्नाटक डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा- ऐसे मामलों में बाहरी नेताओं को दखल नहीं देना चाहिए। दुखद है कि पिनाराई जैसे सीनियर लीडर ने मामले की पूरी जानकारी लिए बिना ही टिप्पणी की। दरअसल, 20 से 23 दिसंबर के बीच बेंगलुरु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड (BSWML) ने वसीम लेआउट और फकीर कॉलोनी के घरों पर बुलडोजर चलाया था। दावा है कि इन कॉलोनियों में लगभग 200 घर थे, जिनमें करीब एक हजार लोग रह रहे थे। बुलडोजर कार्रवाई की 2 तस्वीरें… लोगों का आरोप- बिना सूचना घर गिराए पीड़ित परिवारों का आरोप है कि BSWML ने बिना सूचना के कार्रवाई की। पुलिस की मौजूदगी में हमें जबरन घरों से निकाला गया। इसके बाद घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। मामले पर BSWML अधिकारियों ने कहा कि ये सभी मकान सरकारी जमीन पर अवैध तरीके के बनाए गए थे। शिवकुमार बोले- डंप साइट खाली कराई गई शिवकुमार ने कहा- जिस जगह को साफ किया गया वह डंप साइट थी, जिससे भूमि माफिया झुग्गी बस्ती में बदलने की कोशिश कर रहे थे। हम बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं कर रहे। हम अपनी भूमि और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने मानवता दिखाते हुए इन सभी लोगों को दूसरी जगह जाने का मौका भी दिया था। CPI (M) ने कहा- हम पीड़ित परिवारों के साथ बेंगलुरु में बुलडोजर कार्रवाई की CPI (M) ने निंदा की और एक्स पर लिखा कि सुबह कड़ाके की ठंड में लोगों का घर तोड़ उन्हें बेघर कर दिया गया। हम परिवारों के साथ हैं। हमने बैठक में कोगिलू लेआउट स्लम एंटी-डेमोलिशन कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। ………………………. पिनाराई विजयन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केरल में अत्यधिक गरीबी खत्म, देश का पहला राज्य बना: CM पिनाराई ने विधानसभा में घोषणा की नवंबर 2025 में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में कहा था कि केरल अत्यधिक गरीबी से मुक्त देश का पहला राज्य बन गया है। पिनाराई सरकार ने राज्य से अत्यधिक गरीबी हटाने के लिए 2021 में अत्यधिक गरीबी उन्मूलन परियोजना (EPAP) शुरू की थी। इसके तहत 64,006 परिवारों की पहचान की गई थी। सरकार का दावा है कि 4 सालों के दौरान इन परिवारों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाल लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…
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