बिहार में पारिवारिक भूमि बंटवारे की प्रक्रिया को सरल, आसान और विवाद मुक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 27 दिसंबर से बंटवारा दाखिल–खारिज की नई व्यवस्था राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के बिहार भूमि पोर्टल पर लागू कर दी गई है। इससे अब एक ही आवेदन के माध्यम से परिवार के सभी हिस्सेदारों के नाम उनके हिस्से की भूमि पर जमाबंदी कायम हो सकेगी। आम रैयतों को फायदा घोषणा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को अपने आवासीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की। उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने बताया कि पहले की व्यवस्था में पारिवारिक बंटवारे के बाद प्रत्येक हिस्सेदार को अपने हिस्से की जमीन के लिए अलग-अलग दाखिल–खारिज कराना पड़ता था, जिससे लोगों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए थे। निर्देशों को लेकर प्रधान सचिव सी. के. अनिल के नेतृत्व में विभागीय टीम ने नई व्यवस्था विकसित की, जिसे अब बिहार भूमि पोर्टल की दाखिल–खारिज सेवा के अंतर्गत लागू कर दिया गया है। इससे आम रैयतों को काफी सहूलियत मिलेगी। उपमुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने पूर्वजों की भूमि का विधिवत बंटवारा कर डिजिटल माध्यम से अपने हिस्से की जमीन की जमाबंदी अपने नाम से अवश्य कराएं। मौखिक बंटवारे को सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराएं विजय सिन्हा ने विशेष रूप से उन लोगों से आग्रह किया, जिनके यहां अब तक मौखिक बंटवारा के आधार पर जमीन पर कब्जा और उपयोग हो रहा है, वे इस नई सुविधा का फायदा उठाकर मौखिक बंटवारे को अपने सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि मौखिक बंटवारा आगे चलकर पारिवारिक भूमि विवाद का कारण बनता है और ऐसे मामलों में लोग कई सरकारी योजनाओं व सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। उत्तराधिकार- सह- बंटवारा की सुविधा का फायदा उठाएं सिन्हा ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत उत्तराधिकार-सह-बंटवारा की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके अंतर्गत पूर्वज की मृत्यु के बाद उनकी भूमि का बंटवारा करते हुए सभी उत्तराधिकारियों के नाम उनके हिस्से की जमीन पर अलग-अलग जमाबंदी एक साथ की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इसी साल अगस्त–सितंबर में चलाए गए राजस्व महा–अभियान के दौरान 46 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। उनमें से 40 लाख से अधिक आवेदन बंटवारा और उत्तराधिकार नामांतरण से अधिक थे। इन आवेदनों को 31 दिसंबर तक अपलोड कर लिया जाएगा व जनवरी से मार्च के बीच फिर से पंचायतों में ही शिविर लगाकर सभी आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा। लोगों को भूमि से संबंधित परेशानियों से निजात दिलाने के उद्देश्य से ही भूमि सुधार जनकल्याण संवाद की शुरुआत की गई है। इस संवाद के माध्यम आमलोगों की परेशानियों को जिलों में जाकर समझने और समय सीमा में लोगों की समस्या का समाधान करना उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि यह पहल भूमि प्रशासन को पारदर्शी, सरल और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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