यूपी बॉर्डर से सटे इलाकों में शराब तस्करी और बढ़ते नारकोटिक्स नेटवर्क पर लगाम लगाने को लेकर प्रशासन अब सख्त मोड में नजर आ रहा है। इसी क्रम में मधनिषेध विभाग के एडीजी अमित जैन शनिवार को सीवान पहुंचे, जहां उन्होंने सीवान और गोपालगंज जिले के पुलिस व एक्साइज अधिकारियों के साथ एक अहम रणनीतिक बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमा पार से हो रही शराब तस्करी को पूरी तरह रोकना और ड्रग्स के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ना रहा। सीवान पहुंचते ही एडीजी अमित जैन ने सारण रेंज के डीआईजी निलेश वर्मा, सीवान एसपी विक्रम सिहाग और सारण प्रमंडल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में पिछले मामलों की समीक्षा और रणनीति पर चर्चा बैठक में सीवान और गोपालगंज जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारी, एक्साइज विभाग के अधिकारी और संबंधित शाखाओं के अफसर मौजूद रहे। बैठक के दौरान पिछले मामलों की समीक्षा के साथ-साथ आगामी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में एडीजी अमित जैन ने बताया कि यूपी बॉर्डर से शराब की तस्करी लगातार एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, उन्होंने कहा कि अब फोकस सिर्फ बरामदगी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तस्करी में शामिल पूरे नेटवर्क को चिन्हित कर तोड़ने पर जोर। “सेनेटाइजेशन” की प्रक्रिया के तहत होगी कार्रवाई इसके लिए स्थानीय स्तर पर “सेनेटाइजेशन” की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, यानी यह जानकारी जुटाई जाएगी कि कौन-कौन से गिरोह सक्रिय हैं, उनके सदस्य कौन हैं और उनकी सप्लाई चेन कैसे काम कर रही है। एडीजी ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में नारकोटिक्स के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। ड्रग्स की सप्लाई चेन को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस और एक्साइज विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे। इसमें तस्करों की गिरफ्तारी, अवैध कारोबार से जुड़े वित्तीय स्रोतों की पहचान और नेटवर्क को कमजोर करने की ठोस योजना बनाई गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध मामलों पर हो जल्द कार्रवाई इसके अलावा बैठक में कमजोर वर्ग प्रभाग से जुड़े मामलों पर भी विशेष फोकस किया गया। महिलाओं के खिलाफ अपराध और एससी-एसटी समुदाय पर हो रहे अत्याचार के मामलों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने को लेकर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए।
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