श्रावस्ती में बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण 100 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। महिला कल्याण विभाग और नीति आयोग (एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन) के संयुक्त तत्वावधान में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत जनपद में जागरूकता रथ का संचालन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। लोगों को इसके दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान आमजन को बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाई जा रही है और हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से समाज के हर वर्ग को इससे जोड़ा जा रहा है। जागरूकता रथ जनपद के सभी विकासखंडों में भ्रमण करेगा। यह गांव-गांव जाकर बाल विवाह के दुष्परिणामों, बाल अधिकारों और संबंधित कानूनों की जानकारी देगा। विशेष रूप से अभिभावकों, ग्राम प्रधानों, युवाओं और महिलाओं को जागरूक कर बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। चाइल्ड प्रोटेक्शन वर्कर सारजन वर्मा ने बताया कि यह अभियान 100 दिनों तक चलेगा। जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि अभियान के तहत भिनगा नगर में एक पदयात्रा रैली निकाली गई, जिसने भिनगा मार्केट क्षेत्र को कवर किया। वर्मा ने कहा कि बाल विवाह समाज की एक गंभीर बुराई है। इसे समाप्त करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर टीमें गठित की गई हैं। विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उल्लेखनीय है कि श्रावस्ती जनपद में बाल विवाह को लेकर पहले भी कई चुनौतियां रही हैं। यह व्यापक जागरूकता अभियान सामाजिक चेतना को मजबूत करने और भविष्य में बाल विवाह की घटनाओं में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशासन को उम्मीद है कि निरंतर प्रयासों और जनसहयोग से श्रावस्ती को बाल विवाह मुक्त जनपद बनाने का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।
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