देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र में एक युवक की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने भटनी थाना प्रभारी सुशील कुमार चौरसिया को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई 7 दिसंबर को नोनापार गांव में हुई मारपीट में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत के बाद हुई। मृतक युवक की पहचान जितेंद्र यादव (युवा खिलाड़ी रतन) के रूप में हुई है, जिसकी गोरखपुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। आरोप है कि थाना प्रभारी ने प्रारंभिक स्तर पर आरोपियों की गिरफ्तारी में ढिलाई बरती और मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस अधीक्षक ने इसे गंभीर लापरवाही माना। जानकारी के अनुसार, नोनापार गांव में जितेंद्र यादव और उनके पाटीदार दिनेश यादव के बीच जमीन विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसमें जितेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़ित की पत्नी विद्यावती देवी की तहरीर पर पुलिस ने पहले हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था। 12 दिसंबर को जितेंद्र की मौत के बाद यह मुकदमा हत्या की धारा में बदल दिया गया। पुलिस ने इस मामले में दो नामजद आरोपियों को मौत होने के पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जबकि अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। मृतक की पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी कि थाना प्रभारी ने पैसे लेकर मामले को दबाने और कुछ आरोपियों के नाम हटाने का प्रयास किया था। इस शिकायत की जांच के बाद पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने थाना प्रभारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की। उन्होंने फरार आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के भी निर्देश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि हत्या जैसे गंभीर मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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