लखनऊ में आशियाना थाने से चोरी के मामले में जेल गए युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक लाइट का काम करता था। मकान मालिक के घर हुई चोरी के मामले में युवक जेल भेजा गया। जिसे तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के बाद घायल हालत में जेल भेजा गया। सही इलाज न मिलने की वजह से तबियत बिगड़ी है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। ननसोहा रामकोट सीतापुर निवासी मिथुन कुमार (28) पुत्र चंदिका प्रसाद लाइट का काम करता था। रश्मि खंड बंगला बाजार में अपने पत्नी नैना देवी और दो बच्चों के साथ किराए का मकान लेकर रहता था। आशियाना के रतनखंड में अनिल सिंह के मकान में काम कर रहा था। 29 नंवबर को अनिल सिंह के घर चोरी हो गई। जिसकी शिकायत करते हुए उन्होंने आशियाना थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने दो आरोपियों शाहरूख और अब्दुल को पकड़ा। उनकी निशानदेही पर मिथुन को 16 दिसंबर अनिल सिंह के घर से गिरफ्तार किया। पुलिस परिवार को गुमराह करती रही बहन मनोरमा ने बताया कि 16 दिसंबर को सुबह 9 बजे मिथुन काम पर निकला। इसके बाद उससे संपर्क किया गया लेकिन कुछ पता नहीं चला। रात करीब 8 बजे उसका फोन स्वीच ऑफ हो गया। इसके बाद आसपास तलाश करने पर जानकारी नहीं मिली। आशियाना थाने जाकर पूछा तो वहां से भी कुछ नहीं बताया। तीन दिन तलाश करने के बाद कुछ पता नहीं चला तो परिवार ने 112 डायल किया। इसके बाद थाने से बताया गया कि पुलिस ने भाई मिथुन और उसके साथ काम करने वाले नाबालिग को पकड़ा है। चौकी में ले जाकर बेहरमी से पीटा 19 दिसंबर को मिथुन के थाने में होने की जानकारी मिली। फिर पुलिस ने चोरी के आरोप में जेल भेज दिया। उसके साथ वाले नाबालिग को छोड़ दिया। पुलिस दोनों को आशियाना से पकड़ने के बाद चौकी लेकर गई। जहां डंडे और बेल्टों से बेहरमी से पीटा। उसके सीना पर चढ़कर लात मारी। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद तीन दिन तक थाने में रखा। फिर इलाज कराने की बजाय जेल भेजा। वहां उसकी कंडीशन खराब हो गई। जेल में बोला – बिना इलाज के मार देंगे जेल जाने के बाद 21 दिसंबर को भाई मनोज और प्रमोद मिलने गए। वहां उसने घटना बताई और अपनी स्थिति बताई। इसके बाद परिवार जल्द अच्छा इलाज कराने का आश्वासन देकर आ गया। 26 दिसंबर को 12 बजे परिवार फिर जेल पहुंचा तो मिथुन बोलने लगा कोई इलाज नहीं मिल रहा है। पिटाई के कारण सीने में दर्द है, यहां पर मर जाएंगे। फिर भाई प्रमोद वकील से मिलने जेल से निकल गए। शाम को 5.30 बजे जेल से कॉल आई कि मिथुन की तबियत बिगड़ गई है। बलरामपुर अस्पताल पहुंचो। परिवार वहां पहुंचा तो मिथुन सास नहीं ले पा रहा था। वीडियो और फोटो करने पर मोबाइल छीना बहन का कहना है कि उसकी हालत देखकर हम लोग मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो पुलिस ने मोबाइल छीन लिया। इसके बाद करीब 9 बजे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रामा सेंटर पहुंचने पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद से पुलिस लगातार दबाव बना रही है। मोबाइल में चोट की फोटो खींचने पर भी बदसलूकी करने लगी।
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